चंडीगढ़ में PGIMER के डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी, मौके पर ही शुरू की 'ओपन ओपीडी'

Update: 2024-08-21 10:26 GMT
Chandigarh: चंडीगढ़ में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ( पीजीआईएमईआर ) के डॉक्टरों ने कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर के कथित यौन उत्पीड़न और हत्या के खिलाफ बुधवार को अपना प्रदर्शन जारी रखा। डॉक्टरों का प्रदर्शन दस दिनों से अधिक समय से जारी है और डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, प्रदर्शन जारी रहेगा। सामने रखी गई मुख्य मांगों में कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय सुनिश्चित करना और केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करना शामिल है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल एंड हॉस्पिटल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित यौन उत्पीड़न और हत्या ने देश भर के डॉक्टरों और आम जनता में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है ।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों का एहसास है। एक डॉक्टर ने कहा, "यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिल जाता।" डॉक्टरों ने प्रदर्शन स्थल पर ही 'ओपन ओपीडी' खोली है, जहां वे मरीजों का इलाज करते हैं। पीजीआईएमईआर के डॉक्टरों ने भी कहा कि वे मरीजों का इलाज करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टरों ने प्रदर्शन स्थल पर ही मरीजों का इलाज करने का फैसला किया है, ताकि दूर से आने वाले लोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कुछ मरीजों ने यह भी कहा कि ओपीडी होने से उन्हें फायदा हुआ है। एक मरीज ने बताया, "हम दूर से आते हैं और अगर डॉक्टर हमारा इलाज नहीं करते हैं तो हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए डॉक्टरों का यह एक अच्छा कदम है ।" अन्य मरीजों ने भी डॉक्टरों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को जल्द से जल्द डॉक्टरों की मांगें पूरी करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों पर सिफारिशें करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया। टास्क फोर्स में सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन समेत अन्य लोग शामिल हैं। प्रशिक्षु डॉक्टर 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेऔर अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी। (एएनआई)
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