चंडीगढ़ न्यूज: एक बार फिर से कोविड-19 के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ हरियाणा में एक ही दिन में 407 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए और पॉजिटिविटी दर 7.28 प्रतिशत रही। जहां रिकवरी दर 98.86 प्रतिशत है, वहीं मृत्यु दर 1.01 प्रतिशत। शुक्रवार शाम के कोविड-19 बुलेटिन में कहा गया कि राज्य में कुल सक्रिय कोविड-19 रोगियों की संख्या 1,324 है। कुल 6,367 नमूनों की जांच में से 407 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने आईएएनएस को बताया कि सभी कोविड-19 सकारात्मक नमूने जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। अस्पताल परिसर में मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मास्क पहनने सहित कोविड फ्रेंडली व्यवहार के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं।
भीड़भाड़ वाले और ज्यादा जोखिम वाले स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मामलों की प्रभावी निगरानी और इन्फ्लूएंजा के परीक्षण के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में फ्लू कॉर्नर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यकता के अनुसार कोविड-19 से संबंधित दवाओं की उपलब्धता की भी सभी स्तरों पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को बूस्टर खुराक मिली है, उन्हें मुफ्त सप्लीमेंट (मल्टी विटामिन, प्रोटीन सप्लीमेंट और प्रोटीन बार) दिए जाएंगे, ताकि उन्हें वायरस से बचाया जा सके। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द एहतियाती खुराक दी जाए। राज्य ने स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की खेप मिलने के सात दिनों के भीतर एहतियातन तीसरी खुराक लेना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों को प्राथमिकता पर टीका लगाया जाना चाहिए।
हरियाणा में 25 मरीज अस्पताल में हैं, जबकि दो मरीज सह-रुग्णता के साथ ऑक्सीजन पर हैं। विज ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में मशीनें, प्रयोगशालाएं और अन्य उपकरण उपलब्ध हैं। टीकाकरण की पहली खुराक के 103 प्रतिशत कवरेज के साथ, राज्य ने 86 प्रतिशत दूसरी खुराक दी, इसके अलावा लोगों को 100 प्रतिशत तीसरी खुराक या एहतियाती खुराक देने के लिए प्रेरित किया। शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को सुझाव देते हुए विज ने कहा कि अगर टीके की दरें तय होती हैं, तो राज्य खुद खरीद कर लोगों को टीका लगा सकेगा।