हरियाणा: माकन की हार के बाद कांग्रेस में बढ़ती जा रही है तकरार, जाने वजह

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Update: 2022-06-19 12:30 GMT
हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद पार्टी नेताओं में तकरार बढ़ती ही जा रही है। दिग्गज नेता एक-दूसरे पर शब्द वाण चला रहे हैं। कोई भी कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। पूर्व सीएलपी किरण चौधरी और बागी नेता कुलदीप बिश्नोई निशाना साधने का कोई मौका चूक नहीं रहे। शनिवार को नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने चंडीगढ़, तो कुलदीप ने दिल्ली में राज्यसभा चुनाव पर अपनी-अपनी बात रखी।
हुड्डा ने कहा कि रायपुर गए सभी 29 विधायकों ने माकन को वोट दिया है तो कुलदीप ने कार्तिकेय शर्मा को वोट देने के दो कारण बताए। हुड्डा ने यहां अपने आवास पर विधायक दल की बैठक भी ली, जिसमें राज्यसभा चुनाव के नतीजे पर चर्चा हुई। हुड्डा ने कहा कि पार्टी स्तर पर जांच चल रही है कि किसका वोट रद्द हुआ है।
प्रदेश प्रभारी अपनी तात्कालिक रिपोर्ट दे ही चुके हैं। विस्तृत रिपोर्ट में पार्टी स्तर पर पता चल जाएगा कि किसका वोट रद्द हुआ है। अधिकृत एजेंट से हाईकमान बातकर यह पुष्टि करने में जुटा है कि किस विधायक ने दगा किया है। उसके बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अंतिम रिपोर्ट में पांच-सात दिन का समय और लग सकता है। रायपुर गए सभी 29 विधायकों ने कांग्रेस को वोट डाला है।
हुड्डा ने कहा कि कुलदीप से उन्हें प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्हें जनता का प्रमाण पत्र चाहिए। कुलदीप ने आदमपुर की जनता के साथ विश्वासघात किया है। वह इस्तीफा देकर दोबारा से चुनाव लड़कर देख लें। नई दिल्ली में शनिवार को नवनिर्वाचित सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कुलदीप बिश्नोई से मुलाकात की। बिश्नोई ने कहा कि भजनलाल परिवार जो करता है, धमाके से करता है।
जब भी जिक्र होता है कयामत का तो कुलदीप बिश्नोई की बात होती है। माकन को वोट न देने का पहला कारण ये था कि वह हुड्डा खेमे को वोट नहीं दे सकते। दूसरा कारण राहुल गांधी से उनकी नाराजगी। कार्तिकेय ने कहा कि कुलदीप अनुभवी नेता हैं। वह दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उनके अनुभवों का फायदा उठाते हुए हरियाणा के विकास के लिए काम किया जाएगा।
सोमवार को आगे की रणनीति बताएंगे कुलदीप
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि आगे की रणनीति का खुलासा वह सोमवार को करेंगे। अपने कार्यकर्ताओं से बात कर रहा हूं कि मुझे कांग्रेस में रहना है या फिर भाजपा में जाना है। आम आदमी पार्टी में जाऊं या फिर अलग पार्टी बनाई जाए।
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