वर्मी खाद के लिए पैकिंग बोरी भी बनाने लगी हैं महिला समूह, हो रही पौने दो लाख रूपए की आमदनी

Update: 2021-09-06 13:28 GMT

गरियाबंद। गोधन न्याय योजना लोगों के जीवन में आमदनी का सशक्त माध्यम बनते जा रही है। एक ओर गोबर की बिक्री से पशुपालकों को अतिरिक्त आय हो रही है, वहीं दूसरी ओर गौठान में कार्य कर रही महिला समूहों को गोबर के जरिए आय अर्जन के नए रास्ते खुल रहे हैं। गरियाबंद जिले की आदर्श गौठान जेंजरा से जुड़ी महिला समूह वर्मी खाद बनाने के साथ ही अब वर्मी खाद पैकिंग के लिए बोरी का भी निर्माण कर ही है। इससे उन्हें लगभग पौने दो लाख रूपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।  

गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौठान जेंजरा में जय माँ तुलसी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा बोरी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अब तक उनके द्वारा 59 हजार बोरी का निर्माण कर विक्रय किया जा चुका है। समूह की महिलाएं गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान में क्रय किए गए गोबर से उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद पहले से ही तैयार कर रही है। खाद के बिक्री के लिए बोरी की जरूरत पड़ने पर महिला समूह ने इसके निर्माण का भी निर्णय लिया और इस काम में जुट गई। धीरे-धीरे बोरी निर्माण का काम सधता गया। महिला समूहों अब बड़े पैमाने पर बोरी के निर्माण का काम करने लगा है।

समूह के द्वारा तैयार खाद पैकिंग बोरी गरियाबंद जिले के सभी विकासखण्डों में विक्रय होने लगी है। वर्तमान में समूह द्वारा कुल 59 हजार से अधिक बोरियों का छपाई कर 8 लाख 26 हजार रूपये का विक्रय किया गया है। जिसमें समूह को 1 लाख 77 हजार रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा समूह सदस्यों के द्वारा गौठानों को मल्टीएक्टिवीटी सेन्टर बनाने के तर्ज पर चारागाह की जमीन पर जैविक सब्जी उत्पादन के साथ-साथ मूंगफल्ली, मक्का, मूग आदि का भी उत्पादन किया जा रहा है। 

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