मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) की महिला समूहों द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। इन स्टॉलों में महिला समूहों द्वारा मशरूम उत्पादन, स्थानीय उत्पादित अनाज जैसे सांवा, कोदो, कुटकी, कुल्थी के प्रसंस्कृत पैकेट को विक्रय हेतु रखा गया था। इसके अलावा बिहान के सौजन्य से यहां बड़ी, पापड़, अचार, मसाले, मिठाईयां, गोबर से बने हुए दीये, साबुन, फिनाईल, जैसे दैनिक उपयोग मे आने वाली सामग्रियों का समूह की महिलाओं द्वारा निर्माण किया जा रहा है। गोठान की स्व-सहायता समूह द्वारा निर्माण किए जा रहे जैविक खाद और विक्रय के संबंध में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समूह की महिलाओं से भी चर्चा किए। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के स्टॉल में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने हर्बल गुलाल निर्माण, बटेर, बतख एवं कड़कनाथ नस्ल के कुक्कुटपालन के बारे में भी मुख्यमंत्री श्री बघेल को अवगत कराकर उनसे प्रोत्साहन पाया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पारंपरिक ''छतौड़ी'' पहन कर चारा कटाई करके पशुओं को चारा भी खिलाया। तत्पश्चात उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत् गोबर विक्रेता महिलाओं समूहों से भी रूबरू हुए और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजनांतर्गत ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को राज्य शासन द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा हैं। चूंकि ग्रामीण आर्थिक पृष्ठभूमि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है अतः महिला सशक्तिकरण के तहत् उन्हें प्राथमिकता देना शासन का प्रथम कर्तव्य है। इसके साथ ही उन्होंने गोबर संग्राहकों से गोधन न्याय योजना के बारे में पूछा और इसे गांव व निर्धनों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
इस अवसर पर ग्राम माहका निवासी पशुपालक बीरसिंह नाग ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि गोबर संग्रहण से उन्हें प्रतिमाह 17 हजार रूपये की आय हो रही है उनके द्वारा लगभग 300 किलो से अधिक गोबर संग्रहण किया जा रहा है। जिसके लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए सराहना की। तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने गौठान में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगाये गये पोषण वाटिका में आम पौधे का रोपण भी किया। इस सुपोषण वाटिका में उन्नत किस्म के आम, अमरूद, पपीता के अलावा फूलदार पौधों की विभिन्न प्रजातियों को लगाया गया है और इस संबंध में महिला समूहों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।