विश्व आदिवासी दिवस पर नयनाभिराम पेंटिंग

Update: 2024-08-07 04:55 GMT

भिलाई। 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अंचल के प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी ने नयनाभिराम पेन्टिंग का निर्माण किया है। वे अपने विशिष्ट शैली में संदेश प्रधान चित्र बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनके निरंतर कुशल सृजन पर सुप्रसिद्ध चित्रकार बी.एल.सोनी, रंगकर्मी विजय शर्मा, मूर्तिकार मोहन बराल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव, मीना देवांगन, प्रवीण कालमेघ, साहित्यकार मेनका वर्मा, बी.आर.बोरकर, अभिषेक सपन, यश दलवी और ललित कला अकादमी में छत्तीसगढ़ के प्रथम बोर्ड मेम्बर डॉ.अंकुश देवांगन ने बधाई दी है।

ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1982 में पूरे विश्व में रहने वाले आदिवासी समुदाय की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। डी.एस.विद्यार्थी स्वयं आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उनके पेन्टिंग का विषय भी उनका समाज है।

एक जानकारी में उन्होंने बताया कि पूरे विश्व के आदिवासी प्रकृति को देवता मानते हैं। वे नृत्य संगीत भी उसी देव को प्रसन्न करने के लिए करते हैं। यदि उनके जीवन शैली का अनुसरण वर्तमान तथाकथित आधुनिक लोग करेंगे तो कभी भी ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या नहीं आएगी। वे प्रकृति का संरक्षण करते हुए प्राकृतिक जीवन जीना पसंद करते हैं जो कि स्वस्थ्य जीवनशैली मानी जाती है। 

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