पीएमजीएसवाय का मतलब, करे कोई-भरे कोई, वसूले कोई

Update: 2024-04-19 06:31 GMT

पुराने सेटिंगबाज अधिकारियों ने अपना गुणा-भाग फिट कर दिया........

प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में छत्तीसगढ़ में भ्रष्टतम अधिकारियों के पास मंत्री को भी पता नहीं कौन सा अधिकारी छुटभैया कांग्रेसी नेता का रिश्तेदार है और कब क्या गुल खिला रहे हैं।

भ्रष्ट्र अधिकारी विगत 20-25 सालों से इसी विभाग में कार्यरत कभी छुटभैया कांग्रेसी नेताओं के साले-जीजा और भाई हुआ करते थे अब कट्टर आरएसएस का राग आलाप रहे हैं

छत्तीसगढ़ की सभी 12 सडक़ों का 600 करोड़ लगभग का बड़ा घपला-घोटाला रोकने के लिए भाजपा सरकार और संबंधित विभाग के मंत्रियों को कमर कसनी होगी और चौकन्ना होकर त्वरित कार्रवाई करनी होगी

अधिकारियों द्वारा चुनाव का डर दिखाकर मंत्रियों को गुमराह किया गया।

लगातार 15 साल में मुरम, गिट्टी, बोल्डर, डामर और मजदूरी 25 से 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अधिकारियों का कारनामा 15 से 20 साल हो गए टेंडर के रेट नहीं बढ़े और अब सरकारी रेट से बिलो (कम रेट) में निविदा स्वीकार कर रोड बनाया जा रहा है। आप कल्पना करें की किस तरह से सडक़ का निर्माण होगा और उसकी क्वालिटी क्या होगी? ....

रायपुर (जसेरि)। पीएमजीएसवाय के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सभी सडक़ों का हजारों करोड़ का बड़ा घपला जो पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के चहेते अधिकारी बने हुए थे। और टेंडर फाइनल करना उन्हीं के हाथ में था, वही अधिकारी आज भी अंबिकापुर, राजनांदगांव सहित कई डिवीजन में कार्यपालन अभियंता बनकर मलाई खा रहे हैं। इसकी जांच वर्तमान मंत्री और अधिकारियों को बारीकी से करना चाहिए। वरना घपले का ठिकरा उनके सिर में न फूट जाए।

गौरतलब है कि पिछले पांच साल में कांग्रेस के छुटभैया नेताओं ने भी पीएमजीएसवाय के अधिकारियों से सेटिंग कर करोड़ों के वारे न्यारे किए। जिन छुटभैया नेताओं के पास सवारी वाहन मात्र दोपहिया वाहन हुआ क़रता था, वो अब फर्जी ठेकेदार बनकर नई -नई महंगी चमचमाती गाडिय़ों में घूम रहे हंै। इसकी भी जांच होनी चाहिए । घोटाला रोकने के लिए भाजपा सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों को कमर कसनी होगी और चौकन्ना होकर त्वरित कार्रवाई करनी होगी।

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंबिकापुर, राजनांदगांव डिवीजन में पुराने सरकार के समय से कार्यपालन अधिकारी बने हुए जो कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार इस पद के योग्य ही नहीं हंै फिर भी अभी तक इस पद पर कैसे बने यह भी गंभीर विषय हंै। इसकी जांच गंभारता से जरुरी है। अंतर्गत लगभग 12 जिलों में सडक़ निर्माण किए जाने हेतु कार्य स्वीकृत हुआ है और उसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण की गयी है। लगभग 45 से 50 करोड़ का सडक़ निर्माण काम प्रत्येक जिले में होने की खबर है। इस तरह पूरे प्रदेश के 12 जिलों में 600 करोड़ का टेंडर हुआ है। ठेकेदारों ने टेंडर से काम लिया है लेकिन इतने कम दर पर कार्य स्वीकृत हुआ है। जिससे सडक़ निर्माण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण होने में मुश्किल होगी।

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छत्तीसगढ़ में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ों के गुणवत्ता निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक इस महीने राज्य के दौरे में रहेंगे। राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक सालवे विवेक भाऊराव सरगुजा, रायगढ़ एवं जांजगीर चांपा, राम प्रकाश सिंह कोण्डागांव एवं नारायणपुर, बिमल कुमार टिक्कू बीजापुर एवं सुकमा जिलों का दौरा करेंगे।

लेकिन किस तरह कम बजट में कार्य पूर्ण होगा यह आश्चर्यजनक है। वहीं विगत 5 वर्षों से दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है जबकि महंगाई बढ़ी है मजदूरों का दर, निर्माण सामग्री रेट गिट्टी डामर का दर, डीजल का दर बढ़ा है ऐसी स्थिति में 20 परसेंट बिलो कार्य स्वीकृत होना और उसमें गुणवत्तापूर्ण कार्य होना संभव नहीं है। ऐसी भी खबर मिली है कि जिन मार्गों की निविदाएं की गई है उसे मार्ग में नरेगा के अंतर्गत अर्थ वर्क किया गया है। जबकि वर्तमान टेंडर में भी अर्थ वर्क का बजट जुड़ा होना बताया जा रहा है। ऐसा लगता है कि उस अर्थ वर्क को टेंडर की प्रक्रिया में विभागीय मदद से घालमेल किया जाएगा। तभी यह काम हो सकता है अन्यथा गुणवत्तापूर्ण मार्ग निर्माण संभव नहीं है। प्रदेश के संपूर्ण सडक़ निर्माण के कार्य में लगभग 100 से 80 करोड़ का कार्य मिट्टी से होना है। यह भी पता चला है की जानबूझकर वहीं निविदा बुलाई गई है जहां मिट्टी का कार्य नरेगा के माध्यम से पिछले वर्षों में हुआ है।

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