रायपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहकर विवादों में आए कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) से बचने के लिए मध्य प्रदेश के खजुराहो (Khajuraho) में छिपे थे. राजधानी रायपुर से भागकर वे मंगलवार रात खजुराहो पहुंचे थे. जहां से सुबह चार बजे रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया था.
जानकारी के मुताबिक कालीचरण महाराज खजुराहो के बागेश्वर धाम होटल में रुके थे. इससे पहले 27 दिसंबर को वह पल्लवी होटल में रुके थे. यहां मिले सीसीटीवी वीडियो में कालीचरण महाराज को खाना खाते और वहां आते-जाते देखा गया था. वहीं बागेश्वर धाम में उन्होंने एक साधारण कमरे को 300 रुपये किराए पर लिया. इस कमरे आकार 8 बाय 10 था और इसकी छत पक्की नहीं, बल्कि स्टील चद्दर से ढंकी थी. उस वक्त उनके साथ 6 साथी भी मौजूद थे. इनमें दो महिलाएं भी थीं.
जानकारी के मुताबिक उनका कमरा राजू के नाम से बुक हुआ. उन्होंने खुद अपने और साथियों के लिए 103, 109 और 112 नंबर का कमरा लिया. कालीचरण महाराज के आने से पहले पुलिस ने भी उसी जगह डेरा जमा लिया था. किसी को इसकी जानकारी नहीं थी, क्योंकि पुलिस सिविल में थी. पुलिस ने अलाव जलाकर रातभर महाराज का इंतजार किया और जैसे ही बाबा तीन बजे आए उन्हें घेर लिया गया. छत्तीसगढ़ की पुलिस करीब 4 बजे सुबह बाबा को लेकर रवाना हो गई.
कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले पर राजनीति गरमा गई है. कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार आमने-सामने आ गए हैं. कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने आपत्ति जताई है.छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने गिरफ्तारी की कार्रवाई को गलत करार देते हुए संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के एक्शन को जायज ठहराया.