जिला प्रशासन द्वारा विवाह के पूर्व रोका गया बाल विवाह

Update: 2024-04-30 14:00 GMT
जांजगीर-चांपा: महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर   आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी   अनिता अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी  गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में में टीम तैयार कर ग्राम पंचायत मुड़पार ब विकासखंड पामगढ़ में बालिका के घर जाकर जानकारी ली गयी।
जहां बताया गया की 01 परिवार की 02 बहनों का विवाह 16 मई 2024 को निर्धारित किया गया था। जिसमें दोनो बहनो की अंकसूची की जांच की गयी। 01 बहन बालिग पायी गयी एवं छोटी बालिका की उम्र 17 वर्ष 04 माह 28 दिन होना पाया गया। जिसका विवाह गोधना के युवक के साथ तय किया गया था। अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया समझाईस के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालक के माता-पिता की सहमति से बालिक का विवाह रोका गया है। दल में चाईल्ड लाईन जांजगीर से समन्वयक   निर्भय सिंह, टीम मेम्बर जोहित कुमार कश्यप,  भूपेश कश्यप, महिला पर्यवेक्षक  प्रेमलता साहू , आगनबाड़ी कार्यकर्ता  दुरपति जाहिरे  ,बबिता दिवाकर शामिल थे।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी डीजे साउड/धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
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