दुनिया का सबसे बड़ा राममंदिर बिहार में बनेगा, यहां रुकी थी भगवान राम की बारात, स्थापित होगा 27 फिट का शिवलिंग भी होगा स्थापित

बिहार के पूर्वी चंपारण के जानकीनगर की मान्यता है कि यहां सीता से विवाह के बाद जनकपुर से लौटते समय राम की बारात रुकी थी.

Update: 2022-05-09 02:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार (Bihar) के पूर्वी चंपारण के जानकीनगर की मान्यता है कि यहां सीता से विवाह के बाद जनकपुर से लौटते समय राम की बारात रुकी थी. अब इस स्थान पर विश्व के सबसे विशाल राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण हो रहा है. यह विराट रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा होगा, जो हिन्दू मंदिर के दृष्टिकोण से विश्व में सर्वाधिक है. इसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है. विराट रामायण मंदिर परिसर के तीन तरफ सड़क है. अयोध्या से जनकपुर तक बन रहा राम-जानकी मार्ग विराट रामायण मंदिर से होकर गुजरेगा. पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से बनवाए जा रहे इस मंदिर के निर्माण का काम नोएडा की कंपनी एसबीएल कंस्ट्रक्शन को दिया गया है.

मंदिर की लागत 500 करोड़ होगी. ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा. ब्लैक ग्रेनाइट से बने 250 टन वजनी शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट होगी. शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हो रहा है. अभी तंजौर में 27 फीट का शिवलिंग विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जाता है.
इस राम मंदिर में 40 साल से लगातार हो रही है रामायण
बिहार के कटिहार के एक राम मंदिर में पिछले 40 साल से नॉनस्टॉप रामायण का पाठ हो रहा है. यज्ञशाला मंदिर में पिछले चार दशक से हर क्षण रामायण का पाठ किया जा रहा है. हैरानी की बात तो यह है कि इस मंदिर में रामायण पाठ करवाने के लिए अगले एक साल तक की एडवांस बुकिंग हो रखी है. आस्था की इस अद्भुत कहानी की शुरुआत 15 दिसंबर 1982 में हुई थी. तब इस मंदिर में एक वट वृक्ष के नीचे बजरंगबली की प्रतिमा थी. मथुरा से आए एक बाबा, जिनका नाम मौनी बाबा था. उन्होंने यहां रामायण पाठ की शुरुआत कराई.
मौनी बाबा न तो जमीन पर बैठते थे और ना ही सोते थे. वह एक रस्सी पर रहा करते थे. एक महीने के बाद एक दिन बाबा अचानक कहीं चले गए और फिर नहीं लौटे. तभी से यहां की कमेटी ने रामायण पाठ को संभाल लिया जो आज तक निरंतर चल रहा है. यहां अखंड दीप प्रज्ज्वलित हो रही है.
काशी के पांच पंडित लगातार कर रहे हैं इसकी देखरेख
मंदिर आयोजन समिति के मुताबिक रामायण के पाठ में कोई बाधा न आए, इसलिए काशी के पांच पंडित लगातार इसकी देखरेख के लिए रखे गए हैं. रामायण के पाठ में कोई भी महिला या पुरुष शामिल हो सकता है लेकिन इसके लिए कमेटी की अनुमति लेनी होती है. अगर कोई रामायण की बुकिंग कराना चाहे तो वह 24 घंटे के रामायण के लिए 1100 रुपए दान कर इसकी बुकिंग करा सकता है.
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