पटना, (आईएएनएस)| बिहार में हाल के दिनों में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस को दिए गए विवादास्पद बयान और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ निशाना साधने तथा उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जदयू में अंतर्कलह से राज्य में उठे सियासी तूफान के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव बिहार आने वाले हैं।
कहा जा रहा है कि किडनी के सफल ऑपरेशन के बाद वे 10 फरवरी को स्वदेश लौट रहे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनके लौटने के बाद सूबे की सियासत में बड़े बदलाव हो सकतें हैं। लालू यादव के दिल्ली आने के बाद पटना लौटने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
लालू प्रसाद यादव काफी लंबे दिनों से राजनीति में सक्रिय नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि बिहार में उनकी उपस्थिति ही सियासत के लिए काफी है। वैसे, माना यह भी जा रहा है कि लालू बिहार आने के बाद तेजस्वी की ताजपोशी कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि किडनी के आपरेशन के बाद उनकी राजनीति में सक्रियता की कोई संभावना नहीं है। तेजस्वी के साथ पूरी पार्टी भी एक साथ खड़ी है।
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के लगातार मुख्यमंत्री पर निशाना साधने के बाद जदयू भी राजद पर कार्रवाई का दबाव बनाए हुए है। इस दबाव के कारण राजद द्वारा सिंह को कारण बताओ नोटिस तो दिया गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
राजद सूत्रों की माने राजद प्रमुख के आने का बाद ही इस पर फैसला हो सकता है।
दूसरी तरफ देखे तो 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है। बिहार पर भाजपा ने फोकस करना शुरू कर दिया है, जबकि विपक्षी एकता को मजबूत करने को लेकर नीतीश का बयान अभी सिर्फ घोषणा ही दिख रही है। ऐसे में कयास यह भी लगाए जा सकते हैं कि लालू के बिहार आने के बाद नीतीश केंद्र की राजनीति में सक्रिय होंगे।
ऐसे में तय है कि लालू के बिहार आने के बाद राज्य की सियासत में बदलाव दिखेंगे, जिसके सहारे महागठबंधन आगामी चुनावों को लेकर रणनीति बना सकेगी।
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