सरकारी कर्मी बाल श्रम करवाते पकड़ाए तो होगी सख्त कार्रवाई

Update: 2023-06-11 07:23 GMT

सिवान न्यूज़: आईबी में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने विभागीय समीक्षा बैठक की. अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी कर्मचारी बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो विभागीय कार्रवाई होगी.

उन्होंने एक माह में पूरे पंचायत, 2 माह में प्रखंड, 3 माह में अनुमंडल व छह माह में पूरे जिला को बाल श्रम विमुक्त करने का निर्देश दिया. बैठक में बाल श्रम व खतरनाक नियोजन में लगे बाल श्रमिकों की सूची तीन माह में उपलब्ध कराने व सप्ताह में 2 दिन धावा दल चलाने का निर्देश दिया. कहा कि विद्यालय व आंगनबाड़ी में नामांकित छात्राओं की जांच की जाए, साथ ही नामांकित छात्र विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर आते हैं या नहीं , अगर नहीं आते हैं इसके सही कारण का पता लगाया जाए. अध्यक्ष ने 6 से 14 वर्ष के बच्चे से बाल श्रम कराना व 14 से 18 वर्ष तक खतरनाक नियोजन में काम लेना कानूनन दंडनीय अपराध है. प्रभावशाली व्यक्ति, ईट भह्वा मालिक, घर प्रतिष्ठान, दुकान व कारखाने में काम करवाते पकड़े जाने पर 20 हजार से 50 हजार तक जुर्माना व दो साल तक कि सजा होती है. श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराकर सरकार से मिलने वाली सभी लाभकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कही. कहा श्रमिकों की स्थिति जब तक अच्छी नहीं होगी बाल श्रम पर रोक नहीं लगेगा. विमुक्त बाल श्रमिकों के परिवार को राशि, इंदिरा आवास, राशन कार्ड, मिला या नहीं, बच्चे विद्यालय जाते या नहीं इसकी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

बैठक में बैठक में उप श्रमायुक्त नीरज नयन, श्रम अधीक्षक सुजीत कुमार, डीडीसी भूपेन्द्र यादव, डीआरडीए के निदेशक शाहबाज खान, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह, डीईओ मिथिलेश कुमार सिंह,पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय विनोद कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी अजय कुमार,हिमांशु पांडे, केशव सुमन सदस्य सीडब्ल्यूसी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीअनुभव कुमार, राजीव कुमार मेहता, नेहा राज, किशन देव शाह, उमेश राय, योगेंद्र प्रसाद, नीलम आकाश, कुमार स्नेह जीत, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई व राजकुमार सिंह, अंकिता श्री समेत श्रम संसाधन विभाग के कर्मी उपस्थित थे.

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