Siwan: धान खरीदारी की रफ्तार काफी सुस्त
"अधिप्राप्ति का लक्ष्य बड़ा लेकिन खरीदारी की रफ्तार धीमी"
सिवान: जिले में इस साल धान खरीद का लक्ष्य भले ही बढ़ गया है. लेकिन, खरीदारी की रफ्तार काफी सुस्त है.
इस रफ्तार को देख ऐसा लग रहा है कि धान खरीदारी के लक्ष्य को पूरा करना इस साल टेढ़ी खीर से कम नहीं है. खरीदारी शुरू होने के डेढ़ महीने बाद भी खरीदारी का आंकड़ा एक हजार एमटी को नहीं पार कर सका है. कारण कि कई समितियों में कार्यकारणी विवाद चल रहा है, तो कई खरीदारी में रुचि नहीं ले रही है. इसके चलते पूर्ण रूप से सभी समितियों का चयन भी पूरा नहीं हो सका है. जितनी समितियों का अबतक चयन हो गया है. इसमें भी कई समितियां अभी तक सक्रिय नहीं हो सकी है.
गौर करने वाली बात है कि जिले में 296 पैक्स तथा 19 व्यापार मंडल है. इसमें व्यापार मंडल और पैक्स को मिलाकर 256 समितियों का ही चयन हुआ है. जबकि, शेष समितियों में कार्यकारणी विवाद, खरीदारी में रुचि नहीं लेने व बैंक की बकाया राशि नहीं जमा करने का मामला चल रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में चार समितियां ऐसी थीं, जो डिफॉल्टर थी. इसमें दो पर विभाग द्वारा केस दर्ज कराया जा चुका है. वहीं दो समितियों को बकाया राशि जमा करने का समय दिया गया है, अगर वे नहीं करती है, तो विभाग उन पर भी अविलंब एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई करेगा. जहां तक खरीदारी की स्थिति है तो जिले को इस साल एक लाख 2 हजार 761 टन धान खरीद का लक्ष्य मिला है. इसमें अब तक 188 किसानों से खरीदारी मात्र 967.176 एमटी हो पाई है. जबकि, धान की खरीद 15 नवंबर से शुरू है. 15 फरवरी तक ही खरीदारी की अंतिम तिथि निर्धारित है.
किसान के घर से ही बिचौलिये कर रहे धान की खरीदारी :धान खरीद में पैक्स व व्यापार मंडल को सक्रिय नहीं होने के चलते बिचौलिये किसानों के घर से ही धान की खरीद कर रहे हैं. नतीजा यह दिख रहा है कि अगर विभाग अगर समितियों को सक्रिय करने के लिए विभाग ठोस कदम नहीं उठाता है, तो किसानों के यहां से धान बिचौलिया खरीद ले जाएंगे. किसानों को भी सुविधा यह मिल रही है कि धान बेचने को लेकर न कोई कागजात तैयार करना पड़ रहा है, न समितियों का चक्कर काटना पड़ रहा है. उनके घर पर ही बाजार दर से धान की राशि का नगद भुगतान मिल जा रहा है.
अब तक नहीं शुरू हुई धान की मिलिंग : जिले में अब तक धान की मिलिंग नहीं शुरू हुई है. इसका भी मुख्य कारण यह दिख रहा है कि पर्याप्त मात्रा में धान की खरीद ही नहीं हो पाई है. हालांकि, समितियों को मिल से टैग करने की प्रक्रिया जारी है. बताते चलें कि जिले में एक लाख 2 हजार 761 टन धान के अनुपात में 54285 टन उसना और 14565 टन अरवा चावल तैयार किया जाना है. जिसे समितियों द्वारा बिहार राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति की जाएगी. क्या कहते हैं अधिकारी जिले में धान खरीद की रफ्तार बढ़ाने को लेकर सभी बीसीओ के साथ समीक्षा की गई है. साथ ही, तेजी लाने के लिए निर्देश दिया गया है. वहीं सभी समितियों का अबतक नहीं चयन इसलिए नहीं हो पाया है कि कई समितियों में कार्यकारणी विवाद चल रहा है. कुछ रुचि नहीं ले रही है. अन्य पिछले साल की डिफॉल्टर समितियां शामिल हैं. जिन पर राशि वसूलने के साथ केस दर्ज करने भी कार्रवाई जारी है. - सौरभ कुमार, डीसीओ सह एमडी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, सीवान.