मधुबनी: बाजितपुर ओपी क्षेत्र के बाजितपुर गांव के मो. शहजादे की पत्नी छोटकी परवीन उर्फ रौशनी खातून की ट्रेन हादसे में हुई मौत से घर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
मृतका का पति दिल्ली में रहकर मजदूरी करता है. उसका मायका तारडीह के बैका में है. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार घटना की जानकारी पाकर मृतका का पति अपने गांव के लिए रवाना हो गया है. छोटकी अपनी मां एवं एक बच्चे के साथ दरभंगा गई हुई थी. इसी दौरान सभी ट्रेन हादसे के शिकार हो गए. छोटकी की शादी करीब पांच वर्ष पहले हुई थी. उसे कोई संतान भी नहीं है. वह अपनी बूढ़ी सास के साथ बाजितपुर गांव में रहती थी. इस दुखद घटना की खबर मिलते ही मृतका की सास तारडीह प्रखंड के बैका गांव पहुंच गई है. उसके घर में सन्नाटा पसरा हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार शव का अंतिम संस्कार उसके पति मो. शहजादे के आने के बाद बैका में किया जाएगा. स्थानीय लोग बताते हैं कि दिल्ली से घर के लिए निकले शहजादे दरभंगा पहुंचकर पत्नी एवं सास की लाश के साथ बैका पहुंचेंगे और वहीं मिट्टी का काम किया जाएगा.
गंभीर चोट लगने से रेलकर्मी की गई जान
गिरने से गंभीर चोट लगने के कारण एक रेलकर्मी की मौत हो गई. बताया जाता है कि देर रात ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने उनका शव दरभंगा जंक्शन के कोंचिग डिपो कैम्पस के पास देखा. इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने घटना की सूचना जीआरपी को दी. मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने परिजनों को सूचित किया. मृत रेलकर्मी समस्तीपुर जिले के मुसफ्फिल थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव निवासी स्व. सरयुग ठाकुर के पुत्र सत्यनारायण शर्मा (59) बताए जाते हैं.
वे दरभंगा जंक्शन के कोचिंग डिपो में सीनियर टेक्निशियन (एमसीएम) के पद पर कार्यरत थे और वर्ष 2024 में वे सेवानिवृत्त होने वाले थे. बुजुर्ग होने के कारण रात के अंधेरे में लड़खड़ाकर गिर पड़े और बेहोश हो गये. घंटों बाद रास्ते से आते-जाते कर्मियों की नजर पड़ी, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. वे अपने पीछे एक पुत्र और दो पुत्रियों को छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी का निधन पूर्व में ही हो चुका है. जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया. शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया.