मुजफ्फरपुर: राज्य के सभी जिला और अनुमंडल न्यायालयों में आधुनिक शौचालय (टॉयलेट कॉम्प्लेक्स) का निर्माण किया जाएगा. भवन निर्माण विभाग ने सभी जिलों के कार्यपालक अभियंताओं को इसका मॉडल प्राक्कलन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
अभियंताओं को शौचालय निर्माण से संबंधित स्थल चयन कर प्रतिवेदन भेजने के भी आदेश दिए गए हैं. प्रत्येक शौचालय के निर्माण पर लगभग 13 लाख रुपये का खर्च आएगा. शौचालय के निर्माण होने से अधिवक्ताओं, कर्मियों और कचहरी आने वाले लोगों को काफी सुविधा होगी. वर्तमान में कई न्यायालय परिसर में शौचालय नहीं होने के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है.
बिहार में 38 जिला व 42 अनुमंडल न्यायालय
बिहार में व्यवहार न्यायालय और अनुमंडल न्यायालयों की संख्या 80 है. सभी 38 जिलों में व्यवहार न्यायालय कार्यरत है. इसके अलावा बड़े जिलों में अनुमंडल न्यायालय भी हैं. पटना जिले में ही दानापुर, पटना सिटी, मसौढ़ी, बाढ़ और पालीगंज में अनुमंडल न्यायालय कार्यरत हैं. इन व्यवहार और अनुमंडल न्यायालय में प्रतिदिन हजारों अधिवक्ताओं, कर्मी और फरियादियों का आना जाना होता है. इसमें सैकड़ो की संख्या में महिलाएं भी शामिल होती हैं. शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. इसके बन जाने के बाद लोगों को काफी सुविधा होगी.
● अधिवक्ताओं, कर्मियों और कचहरी आने वाले लोगों को मिलेगी सहूलियत
जिला एवं सत्र न्यायाधीश की सहमति से तय जगह होगी
भवन निर्माण के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव राकेश कुमार ने पत्र जारी कर सभी कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश से संपर्क कर शौचालय निर्माण के लिए स्थल चिह्नित करें. इसके साथ ही स्थल चयन से संबंधित प्रतिवेदन और मॉडल शौचालय का प्राक्कलन तैयार करें. इस प्रतिवेदन और प्राक्कलन को अधीक्षण अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता को जल्द उपलब्ध कराएं ताकि सभी प्राक्कलन को न्यायालयवार एक साथ विधि-विभाग को उपलब्ध कराया जा सके. इसके बाद विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही शौचालय निर्माण की दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी.