बिहार - उत्तराखंड से गुजरने वाली गंगा के दो हिस्सों में पानी की गुणवत्ता में पाया सुधार

बिहार और उत्तराखंड से गुजरने वाली गंगा के दो हिस्सों में पानी की गुणवत्ता में सुधार पाया गया है।

Update: 2022-03-12 08:59 GMT

बिहार और उत्तराखंड से गुजरने वाली गंगा के दो हिस्सों में पानी की गुणवत्ता में सुधार पाया गया है। अब ये पानी नहाने लायक हो गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा है कि पानी जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) के साथ स्नान मानक है। समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में हरिद्वार से सुल्तानपुर एवं बिहार में बक्सर से भागलपुर से बहने वाली गंगा नदी में पानी साफ हो गया है। गंगा के इस भाग में बीओडी स्तर 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से नीचे है जो कि प्रदूषण स्तर में कमी के संकेत हैं। जल विभाग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि अब इन भागों में लोग बेफिक्र होकर स्नान कर सकेंगे। बता दें कि जिन जल निकायों का बीओडी स्तर 6 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक होता है, उन्हें प्रदूषित माना जाता है और उपचारात्मक कार्रवाई के लिए उनकी पहचान की जाती है।

बंगाल में नहीं हुआ सुधार
साल 2015 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल से बहने वाली नदी के बीओडी स्तर में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया। 2015 में त्रिवेणी से डायमंड हार्बर के बीच बीओडी स्तर श्रेणी-5 (3.1 से 5.8 मिलीग्राम प्रति लीटर) और 2021 में भी बीओडी स्तर में मामूली सुधार के साथ उसी श्रेणी में रहा, जो कि पहले दर्ज किया गया था।
कैसे मापा जाता है पानी का बीओडी स्तर
नदी के स्वास्थ्य को मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य पैरामीटर भी बीओडी स्तर पर निर्भर होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि बीओडी 6 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है, तो घुलित ऑक्सीजन, जो पानी में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा है, वांछित स्तर से कम हो जाती है। अधिक घुलित ऑक्सीजन, जल निकाय का स्वास्थ्य बेहतर होता है।


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