स्टार्टअप के लिए मुजफ्फरपुर में भी बनेगा को-वर्किंग स्पेस

Update: 2023-03-16 12:30 GMT

पटना न्यूज़: स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए मुजफ्फरपुर में भी को-वर्किंग स्पेस बनाया जाएगा, जहां नवाचार और नए आइडिया पर काम करने वाले युवाओं को कम खर्च में कॉमन ऑफिस उपलब्ध कराया जाएगा. को-वर्किंग स्पेस का ट्रायल पटना के मौर्यालोक में किया गया था, जो सफल रहा. पिछले माह आठ फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस को-वर्किंग स्पेस (बी-हब) का उद्घाटन किया था. साथ ही स्टार्टअप में चुने गए उद्यमियों के आइडिया को सराहा भी था. बी-हब के प्रबंधन की जिम्मेवारी चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान (सीआईएमपी) की है. अत इससे नवाचार के क्षेत्र में काम करनेवाले युवाओं को प्रबंधन और उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी भी मिल जाती है. को-वर्किंग स्पेस पर अगले तीन माह में काम शुरू हो जाएगा. जुलाई-अगस्त तक यहां के स्टार्टअप को भी ऑफिस स्पेस मिलने की संभावना है.

● उद्यमियों को ऑफिस बनाने को मिलेंगी इंफ्रास्ट्रक्चर व तकनीकी सुविधाएं

प्रधान सचिव ने बताया कि स्टार्टअप आइडिया पर हर महीने काम होता है. जो भी लोग स्टार्टअप के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें पहले अपने आईडिया पर काम कर उसका प्लान बना लेना चाहिए. उद्यमियों को यह समझना होगा कि स्टार्टअप और लघु उद्योग में अंतर है. स्टार्टअप एक आइडिया है, जिसपर काम कर भविष्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सकता है. उससे रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी स्टार्टअप के लिए अप्लाई करना चाहते हैं वे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. आइडिया चुने जाने के बाद 45 दिन के अंदर परीक्षा और इंटरव्यू हो जाता है. चयन के बाद आइडिया पर चार लाख और टीम बनाकर आगे काम करने पर 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग होती है. साथ ही एंजेल इंवेस्टर मिलने पर 50 लाख अधिकतम तक इंवेस्टर के बराबर का ही फंड कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है.

वहीं, को-वर्किंग के लिए 100 रुपये प्रतिदिन, 1000 रुपये प्रतिमाह पर कॉमन स्पेस उपलब्ध कराया जाता है.

स्टार्टअप विशेषज्ञों से सीखने का भी मौका

उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि पटना के बाद मुजफ्फरपुर, गया और पूर्णिया में भी को-वर्किंग स्पेस की सुविधा स्टार्टअप के लिए मिलेगी. उन्होंने बताया कि बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, पर कई बार पूंजी के अभाव में आईडिया पर काम नहीं हो पाता है. इसलिए सरकार का यह प्रयास है कि स्टार्टअप के माध्यम से वैसे लोगों को जोड़ा जाए, जो आनेवाले दिनों में ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें. मुजफ्फरपुर, गया और पूर्णिया भी तेजी से नवाचार को उद्योग में बदलने पर काम कर रहा है. अत वहां भी कॉमन ऑफिस स्पेस बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे उद्यमियों को भी कम पूंजी में ऑफिस दिया जाएगा. साथ ही समय-समय पर आने वाले स्टार्टअप विशेषज्ञों से उन्हें काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा.

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