बकरी चुराने के शक में व्यक्ति की पीट-पीटकर की हत्या, दो आरोपी हिरासत में

असम (Assam) के गोलाघाट जिले के एक सुदूरवर्ती गांव में तीन लोगों ने बकरी चुराने के संदेह में 45 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी

Update: 2022-01-02 13:52 GMT

असम (Assam) के गोलाघाट जिले के एक सुदूरवर्ती गांव में तीन लोगों ने बकरी चुराने के संदेह में 45 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. डेरगांव थाना क्षेत्र के ममरानी गांव में शनिवार रात स्थानीय लोगों की मौजूदगी में हुई इस घटना के सिलसिले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. डेरगांव पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी प्रदीप चौधरी ने बताया, 'मृतक की पहचान संजय दास के रूप में हुई है. उनके परिवार के सदस्य कुछ समय पहले थाने गए थे. शिकायत मिलने पर मामला दर्ज कर लिया गया है.'

पुलिस के मुताबिक दास पर तीन लोगों ने हमला किया था, जो उसी गांव के निवासी हैं. हमले के बाद दास को पहले डेरगांव सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने उसे जोरहाट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएमसीएच) स्थानांतरित कर दिया. दास की रविवार तड़के मौत हो गई.पुलिस ने जिन दो आरोपियों को हिरासत में लिया है, उनसे मामले की विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ की जा रही है. चौधरी ने बताया, 'हमारी जानकारी के अनुसार आरोपियों में से एक व्यक्ति की बकरी गायब हो गई थी और दास पर इसे चोरी करने का संदेह था.

ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के नेता की पीट-पीटकर हत्या
बकरी के मालिक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दास की पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.'असम विधानसभा के हाल में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान, सरकार ने कहा था कि वह कुछ अन्य राज्यों के समान पीट-पीटकर हत्या के मामलों के खिलाफ एक विधेयक लाने पर चर्चा करेगी. जोरहाट शहर में 29 नवंबर को एक दुर्घटना को लेकर तीखी बहस के बाद भीड़ ने ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) नेता अनिमेष भुइयां की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच पुलिस हिरासत में और मुठभेड़ में होने वाली मौतों के मामले में पूर्वोत्तर राज्यों में असम पहले स्थान पर है.राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने हाल में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वर्ष 2001 से वर्ष 2020 के बीच बीते 20 वर्षों में देश भर में पुलिस हिरासत 1,888 मौतें हुई हैं. लेकिन इन मामलों में अब तक महज 26 पुलिस वालों को ही दोषी ठहराया जा सका है.
मौतों के मामलों में 96 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार
एनसीआरबी वर्ष 2017 से हिरासत में मौत के मामलों में गिरफ्तार पुलिसकर्मियों का आंकड़ा जारी कर रहा है.बीते चार वर्षों में हिरासत में हुई मौतों के मामलों में 96 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. असम में मई से अब तक हिरासत में हुई मौतों के मामले बढ़ने के बाद विपक्ष और गैर-सरकारी संगठनों ने सरकार और पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
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