Zika virus: कोरोना के बाद अगली महामारी बन सकता है जीका वायरस, जानें कितने गंभीर हैं इसके लक्षण

जहां एक ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मामलों में कमी देखने को मिल रही ।

Update: 2021-07-10 09:27 GMT

Zika virus 2021: जहां एक ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मामलों में कमी देखने को मिल रही हो तो वहीं इसके कप्पा और डेल्टा वेरिएंट ने लोगों के बीच खौफ का माहौल बनाया हुआ है। इसी बीच देश के केरल राज्य में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल में 13 लोग जीका वायरस की चपेट में आए हैं।

कथित तौर पर जीका वायरस का पहला मामला तिरुवनंतपुरम में आया है, जहां एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला इसकी चपेट में आई। महिला सहित सभी 13 व्यक्तियों की टेस्ट रिपोर्ट पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि गर्भवती महिला की हालत स्थिर है और उसने 7 जून को बच्चे को जन्म दिया है। बहरहाल, यहां आपको जीका वायरस से संबंधित तमाम बातें विस्तार से बता रहे हैं।
​क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर (infected Aedes species mosquito) के काटने से फैलता है। ये संक्रमित मच्छर दिन और रात दोनों समय किसी को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं। एडीज मच्छर को एई के नाम से भी जाना जाता है, इजिप्टी और एई। एडिज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर जैसी बीमारियों का कारण भी बनता है।
​संक्रमित व्यक्ति यौन संबंध से भी फैला सकता है वायरस
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention) के अनुसार, जीका गर्भवती महिला के भ्रूण में प्रेगनेंसी के दौरान जन्म दोष पैदा कर सकता है। सीडीसी का यह भी कहना है कि यदि कोई जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स संबंध बनाता है तो वो अपने पार्टनर को भी इंफेक्टेड कर सकता है।
​जीका वायरस के लक्षण
कोविड की तुलना में जीका वायरस के लक्षण हल्के होते हैं या कहें ज्यादा गंभीर नहीं होते।
बुखार
चकत्ते
सिरदर्द
लाल आंखें
मांसपेशियों में दर्द
जोड़ों में दर्द
बेचैनी
​जीका वायरस पर WHO का बयान
इस वायरस से संक्रमित होने वाला व्यक्ति 3 से 14 दिन तक इसकी चपेट में रहता है और इसके लक्षण 2-7 दिनों तक रह सकते हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में साफ तौर पर लक्षण विकसित नहीं पाते हैं। सीडीसी का मानना है इसके संक्रमण से मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है और इससे बहुत ही कम लोगों की मौत होती है।
​जीका वायरस का इलाज
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, जीका की न तो कोई वैक्सीन है और न ही दवा। इससे संक्रमित लोगों को डॉक्टर, पर्याप्त आराम और हाइड्रेट रहने की सलाह देते हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को खूब सारा पानी पीने के लिए कहा जाता है जिससे इसे कम करने में मदद मिलती है।
​बचाव
जैसा कि आपको हम पहले ही जानकारी दे चुके हैं कि जीका वायरस एक संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है, तो इसके लिए आपको मच्छरों से ग्रस्त क्षेत्रों ( mosquito-ridden areas) से दूर रहना चाहिए।
कीट विकर्षक का इस्तेमाल कर मच्छरों के काटने से बचाव करें।
मच्छरों के प्रजनन (mosquito breeding) को उत्पन्न न होने दें।
संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी भी तरह के यौन संपर्क से बचें।
सीडीसी के अनुसार, 'संक्रमण के पहले वीक में जीका वायरस ब्लड में पाया जा सकता है और मच्छर के काटने से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे मच्छर में भी सकता है। इसी तरह से एक संक्रमित मच्छर दूसरे मच्छरों और काटने पर मानवों को भी इफेक्टिड कर सकता है। इसलिए सभी सावधानियां बरतें।'
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