आपका ग्रोइंग क‍िड अभी भी आपके साथ सोता है, जानें कब डालें बच्‍चें को अलग सुलाने की आदत

और उसे इस बदलाव के साथ ढलने के लिए कुछ समय दें।

Update: 2022-08-07 10:02 GMT

हर पेरेंटस अपने बच्चे से बहुत प्यार करते है, और वे चाहते हैं कि उनका बच्चा हमेशा उनकी आंखों के सामने ही रहे। यही कारण है कि रात को भी वे अपने बच्चे को खुद से अलग नहीं रहने देते और उसे अपने पास ही सुलाते है। लेकिन क्या आप ये बात जानते है कि पेरेंट्स का ये प्यार आगे जाकर बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्यूंकि एक स्टेज के बाद ये जरूरी हो जाता है कि बच्चे पेरेंटस के साथ ना सोए। यहां हम आपको बताने वाले है कि किस स्टेज पर पेरेंटस को अपने बच्चों के साथ बेड शेयर नहीं करना चाहिए और अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके क्या साइफइफेक्ट हो सकते हैं।

छोटी उम्र से ही ड़ाले आदत
देखा जाए, तो पैरेंटस को 2 से 3 साल की उम्र में ही बच्चों को खुद से अलग सुलाने की आदत डालनी शुरू कर देनी चाहिए। क्योंकि ये ऐसी उम्र होती है जिसमें बच्चे कोई भी चीज आसानी से सीख सकते हैं। हालांकि ऐसे बहुत से पैरेंट्स है जो 7 से 8 वर्ष तक के बच्चों अपने साथ सुलाना ही पसंद करते हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर आप बच्चों को खुद से अलग सोने की आदत नहीं ड़ालेंगे तो उसमें आत्मविश्वास विकसित नहीं हो पाएगा। और उसे हर छोटी-मोटी चीज को लेकर पेरेंटस पर निर्भर रहने की आदत पड़ जाएगी।

समस्याओं से घिर सकते है बच्चे
एक्सपर्टस की मानें तो पेरेंटस को एक निश्चित उम्र के बाद बच्चों के साथ सोना बंद कर देना चाहिए, नहीं तो बच्चे कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से घिर सकते हैं, जैसे कि- मोटापा, थकान, लो एनर्जी, डिप्रेशन, और मेमोरी वीक होना इत्यादि। बल्कि ऐसा भी कहा जाता है कि जो बच्चे अधिक उम्र तक मां-बाप के साथ सोते हैं उनके पैरेट्स के बीच तनाव बढ़ जाता है। क्यूंकि बच्चों के चक्कर में वो एक-दूसरे के साथ समय नहीं बिता पाते, ऐसे में पेरेंटस के बीच झगड़े बढ़ जाते है।

किस स्टेज में बच्चे के साथ सोना बंद कर देना चाहिए?
चाइड स्पेशलिस्ट की मानें तो जब बच्चे में शारीरिक बदलाव नजर आने लगे तो उसके साथ बेड शेयर करना बंद कर देना चाहिए। बच्चे के शारीरिक बदलाव को प्री-प्यूबर्टी कहा जाता है, इस दौरान लड़कियों में ब्रेस्ट का विकास और पुरुषों में दाढ़ी-मूंछ बढ़ना, प्राइवेट पार्ट के आकार में वृद्धि जैसे शारीरिक परिवर्तन होते है, चूंकि बच्चे इन सब चीजों से अनजान होते है, ऐसे में उन्हें सही गाइडेंस देना बहुत जरूरी है।


फुल स्पेस दे बच्चे को
अधिकांशत: प्यूबर्टी फेज शुरू होने की सामान्य उम्र लड़कियों में 11 साल और लड़कों में 12 साल होती है। हालांकि वर्तमान परिदृश्य में लड़कियों में 8 साल से 13 साल के बीच प्यूबर्टी का शुरू होना भी सामान्य है। वहीं, लड़कों में प्यूबर्टी 9 साल की उम्र से लेकर 14 साल की उम्र के बीच शुरू हो जाती है। दरअसल, उम्र के इस पड़ाव में बच्चों के कई तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं, इसलिए ये हर पेरेंटस के लिए जरूरी है कि वे अपने बच्चे को फुल स्पेस दें। और उसे इस बदलाव के साथ ढलने के लिए कुछ समय दें।

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