सही समय पर टीका लगवाकर कर सकते हैं कई जानलेवा बीमारियों से बचाव...

हर साल 10 नवंबर को विश्व टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Update: 2020-11-10 06:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हर साल 10 नवंबर को विश्व टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल, लगभग 3 मिलियन लोगों को टीकाकरण की मदद से कई खतरनाक रोगों जैसे निमोनिया, हेपेटाइटिस, डिप्थीरिया, खसरा और हैजा से बचाया जाता है। बच्चे के पैदा होने के बाद उसे भी कुछ खास दवाएं टीके की मदद से दी जाती हैं। छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम इतना स्ट्रॉन्ग नहीं होता कि वो वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सके। इसी इम्यून को मजबूत बनाने के लिए उन्हें टीका लगाया जाता है। WHO की मानें तो टीकाकरण की वजह से हर साल तकरीबन 20 से 30 लाख बच्चों को मौत से बचाया जाता है।

टीके कैसे काम करते हैं

टीके रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं की नकल करके काम करते हैं और जिससे शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा होती है। इस प्रकार उत्पादित एंटीबॉडी, शरीर की मेमोरी कोशिकाओं में बने रहते हैं और यदि वास्तविक संक्रमण होता है, तो शरीर रक्षा तंत्र के साथ तैयार रहता है।

टीकाकरण से जुड़ी जरूरी बातें

18 साल के हो गए हैं, तो हेपेटाइटस बी का टीका जरूर लगवाएं। हेपाटाइटिस बी वायरस की वजह से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है, जो लीवर को प्रभावित करती है।

हर 10 साल के बाद टेटनस टॉक्साइड का टीका और हर 5 साल के बाद एक्स्ट्रा डोज लेनी चाहिए।

60 साल से अधिक उम्र जिनकी होती है, उन्हें हरपस जस्टर का टाकी लगवाना चाहिए। दरअसल, बुजुर्गावस्था में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, इसलिए यह टीका लगवाने की जरूरत पड़ती है।

समय-समय पर टीका लेने से आप दूसरों की तुलना में कम बीमार पड़ेंगे।

टीकाकरण से दिल और डायबिटीज के मरीजों को गंभीर स्थितियों में बचाया जा सकता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए भी टीका लगवाना बेहद जरूरी होता है। इससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।

प्रमुख टीके

- बच्चे के लिए सबसे पहला जरुरी टीका है BCG का टीका, जो पैदा होने के 2 सप्ताह के अंदर लगवाना चाहिए। ये टीका खसरा से बचाव के लिए लगाया जाता है।



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