Yoga: सूर्य नमस्कार, जिसे सूर्य को नमस्कार करने वाले आसन के रूप में भी जाना जाता है ये आसन सूर्य को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक खास सीरीज में किया जाता है।
हर आसन को करते समय एक खास तरह के ब्रीदिंग पैटर्न को फॉलो किया जाता है। ये पैटर्न भी शरीर के मूवमेंट के हिसाब से सिंक्रनाइज़ होते हैं। सूर्य नमस्कार, बॉडी फैट और कैलोरी बर्न करने के हिसाब से भी बेहतरीन होते हैं। बिना गैप दिए आप जितने अधिक सूर्य नमस्कार करेंगे, कैलोरी उतनी ही ज्यादा बर्न होती है।
सूर्य नमस्कार के हेल्थ बेनिफिट्स Health Benefits of Surya Namaskar
सूर्य नमस्कार के अभ्यास से मांसपेशियों और जोड़ों में खिंचाव आता है, जिससे लचीलेपन में सुधार होता है।
सूर्य नमस्कार का अभ्यास लसीका प्रणाली या लिम्फैटिक सिस्टम को स्टिम्युलेट करता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट उत्पादों को निकालने में मदद करता है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है।
सूर्य नमस्कार पाचन अंगों को स्टिम्युलेट करके पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से लो ब्ल्ड प्रेशर, सर्कुलेशन को सुधारना और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
सूर्य नमस्कार करने की सही तकनीकी और पोश्चर
अपनी योग मैट के किनारे सूरज की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं।
गहरा श्वास लें और भुजाओं को अपने सिर के ऊपर उठाएं।
सांस छोड़ें और अपने पैर की उंगलियों को छूते हुए आगे झुकें।
घुटने को फर्श पर रखते हुए श्वास लें और दाहिने पैर को पीछे खींचें।
सांस छोड़ें और बाएं पैर को पीछे की ओर खींचें, प्लैंक पोजीशन में आ जाएं।
श्वास लें और शरीर को फर्श पर नीचे करें।
सांस छोड़ें और छाती और सिर को जमीन से ऊपर उठाएं, कोबरा पोजीशन में आ जाएं।
श्वास लें और कूल्हों को ऊपर उठाएं, अधोमुख श्वानासन में आ जाएं।
सांस छोड़ें और दाहिने पैर को आगे बढ़ाएं, बाएं घुटने को फर्श पर टिकाएं।
आगे की ओर झुकते हुए श्वास लें और बाएं पैर को आगे बढ़ाएं।