योग: हृदय रोग से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली, पौष्टिक खानपान के साथ ही योग और व्यायाम करना अच्छा हो सकता है। यहां कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताया जा रहा है, जिनके नियमित अभ्यास से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है और कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
वृक्षासनVrikshasana
वृक्षासन से तनाव कम होता है, मस्तिष्क शांत रहता है और हृदय रोग की समस्या से बचाव होता है। इस आसन को करने के लिए बाएं पैर को सीधा रखते हुए संतुलन बनाए रखें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए बाएं तलवे को दाहिनी जांघ पर रखें। इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
त्रिकोणासन Trikonasana
इस आसन के अभ्यास से फेफड़े मजबूत होते है। पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। हृदय रोग की समस्या से निजात पाने के लिए त्रिकोणासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर पैरों के बीच करीब दो फीट की दूरी रखें। गहरी सांस लेते हुए शरीर को दाईं ओर झुकाएं और बाएं हाथ को ऊपर की तरफ ले जाएं। नजरें भी बाएं हाथ की उंगलियों पर टिकाकर कुछ देर इसी स्थिति में रहें। पुरानी अवस्था में दोबारा आ जाएं।
सेतुबंधासनSetubandhasana
सेतुबंधासन योग शारीरिक निष्क्रियता की समस्या को दूर करता है और मांसपेशियों व हड्डियों को स्वस्थ रखने और रक्त का संचार बढ़ाने में काफी कारगर अभ्यास माना जाता है। इस योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को ठीक रखने में विशेष लाभप्रद हो सकता है। सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के शिकार लोगों को दिनचर्या में इस योग को जरूर शामिल करना चाहिए।
वीरभद्रासनVirabhadrasana
योग विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी योगासन से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीके से अभ्यास किया जाना आवश्यक माना जाता है। वीरभद्रासन योग की कई मुद्राएं हैं, ऐसे में किसी विशेषज्ञ से बेहतर प्रशिक्षण के बाद ही इस अभ्यास की शुरुआत करें। इस योग के लिए सबसे पहले सीधी मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब अपनी बाहों को फर्श के समानांतर उठाते हुए सिर को बाईं ओर मोड़ें। बाएं पैर को भी 90 डिग्री बाईं ओर मोड़ें। कुछ देर तक इस अवस्था में बने रहें। इसी तरह से दूसरी तरफ का भी अभ्यास करें।