World Senior Citizen's Day 2021: आज है वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे, जानें इसका इतिहास और महत्व, के बारे में

World Senior Citizen’s Day 2021 साल 1990 की बात है। जब संयुक्त राष्ट्र ने व्यस्क नागरिकों के सम्मान के प्रति वर्ल्ड सिटी संडे मनाने की घोषणा की थी। उस समय दुनियाभर के सभी देशों ने संयुक्त राष्ट्र के प्रयास की सराहना की थी।

Update: 2021-08-21 07:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे है। यह हर साल 21 अगस्त को मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1991 में मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने साल 1990 में व्यस्क यानी वृद्ध नागरिकों के सम्मान में वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे मनाने की घोषणा की थी। इसका मुख्य उद्देश्य व्यस्क नागरिकों के प्रति सम्मान और स्नेह प्रकट करना है। साथ ही लोगों को वयस्कों की देखभाल और उनके कल्याण के लिए जागरुक करना है। इस मौके पर दुनियाभर में कई संगोष्ठी आयोजित की जाती है, जिनमें व्यस्क नागरिकों के महत्व को बताया जाता है। आधुनिक समय में लोग व्यस्क नागरिकों को स्नेह और सम्मान देने से कतराते हैं। हालांकि, यह बात उन्हें याद रखनी चाहिए कि व्यस्कों पर घर की नींव टिकी रहती है। आइए, इसके बारे में सब कुछ जानते हैं-

वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे का इतिहास
साल 1990 की बात है। जब संयुक्त राष्ट्र ने व्यस्क नागरिकों के सम्मान के प्रति वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे मनाने की घोषणा की थी। उस समय दुनियाभर के सभी देशों ने संयुक्त राष्ट्र के प्रयास की सराहना की थी। इसके अगले साल यानी सन 1991 में 1 अक्टूबर को पहली बार वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र का उद्देश वृद्ध व्यक्तियों का कल्याण करना है। आज दुनियाभर में व्यस्क नागरिकों के कल्याण हेतु कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे का महत्व
आजकल लोग माता-पिता अथवा व्यस्क नागरिकों को तरजीह नहीं देते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि माता-पिता या घर के बुजुर्ग उनके काम में हाथ नहीं बंटा सकते हैं। हालांकि, बुजर्गों के रहने से घर की नींव मजबूत रहती है। कई मौके पर लोग अनुभव की कमी के चलते जीवन में सफल नहीं हो पाते हैं। उस समय बुजर्गों की योग्यता, अनुभव और क्षमता काम आती है। वृद्ध व्यक्ति अपने अनुभव और योग्यता से मुश्किल काम आसान कर देते हैं। सफल लोग सभी अवसर पर बड़े-बुजुर्गों से राय लेते हैं। इसके लिए न केवल वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे पर, बल्कि सामान्य दिनों में भी व्यस्क नागरिकों की सेवा करनी चाहिए।


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