पलकों में होने वाली सूजन को मेडिकल भाषा में ब्लेफराइटिस कहा जाता है, जो आमतौर पर आंख में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण होता है। यह संक्रमण ज्यादातर मामलों में कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) के साथ देखा जाता है। ब्लेफराइटिस बचपन से ही शुरू हो सकता है और एक क्रोनिक बीमारी के रूप में जीवनभर रह सकता है। कुछ मामलों में पलकों में सूजन की समस्या गंभीर हो जाती है और इसे ब्लेफराइटिस की लेटर स्टेज कहा जाता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि पलकों में सूजन आमतौर पर संक्रमण के कारण होती है और यह संक्रमण अधिकतर मामलों में स्टैफिलोकॉकस (Staphylococcus) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। पलकों में सूजन आने के साथ-साथ इसके अन्य लक्षणों में आंखे लाल होना, आंखों में खुजली,जलन व दर्द होना, आंखों से पानी आना और पलकों के बाल उतरने लगना आदि शामिल हैं। पलकों की सूजन का इलाज आमतौर पर उसके अंदरूनी कारणों और गंभीरता के अनुसार किया जाता है।
पलकों की सूजन के लक्षण
पलकें सूजन जाना ही ब्लेफराइटिस का सबसे प्रमुख लक्षण है। लेकिन जैसा कि यह एक प्रकार का संक्रमण है, इससे अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं। मुंबई के आई हॉस्पिटल के ओफ्थल्मोलॉजिस्ट और कंसल्टेंट डॉक्टर आनंद श्रॉफ के अनुसार ब्लेफराइटिस में निम्न लक्षण भी देखे जा सकते हैं -
ऐसा महसूस होना जैसे आंखों में कुछ चला गया है
आंखें लाल होना
आंखों में खुजली और जलन होना
सूजन के साथ-साथ पलकें लाल हो जाना
आंखों के आस-पास पपड़ी बनकर उतरने लगना
रौशनी को सहन न कर पाना (रोशनी के प्रति संवेदनशीलता)
पलकों के बाल उतरने लगना
कुछ स्थितियां हैं, जो पलकों में सूजन यानी ब्लेफराइटिस होने का खतरा बढ़ा सकती हैं जैसे -
ऑयली स्किन - जिन लोगों की त्वचा तैलीय होती है, उनकी पलकों में सूजन आने का खतरा बढ़ सकता है।
डैंड्रफ - बालों में रूसी होना भी पलकों में सूजन की समस्या से जुड़ा हो सकता है। बालों में रूसी की समस्या है उन्हें ब्लेफराइटिस होने का खतरा अधिक रहता है।
डर्मेटाइटिस - त्वचा में सूजन होने की समस्या को मेडिकल भाषा में डर्मेटाइटिस कहा जाता है। जिन लोगों को डर्मेटाइटिस की समस्या है उन्हें पलकों में सूजन की समस्या भई हो सकती है।
आंखों में सूखापन - अगर आपकी आंखों में सूखापन है, तो ऐसे में पलकों में सूजन आने का खतरा बढ़ सकता है। आंखों में सूखापन से सिर्फ ब्लेफराइटिस ही नहीं आंखों संबंधी अन्य कई समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है।
कुछ विशेष बातों का ध्यान रख कर पलकों में सूजन होने से रोकथाम की जा सकती है, जैसे -
अपनी पलकों को साफ रखें
सोने से पहले चेहरे व आंखों का सारा मेकअप साफ कर लें
आई लाइनर का उपयोग पलकें के पिछले हिस्से (बालों के पीछे) न करें
अगर आपकी पलकों में पहले ही सूजन हो चुकी है, तो उसके पूरी तरह से ठीक होने तक आंख के किसी भी मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें
सूजन ठीक होने के बाद पुराने मेकअप का इस्तेमाल न करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है
जितना हो सके आंखों को धूल-मिट्टी के संपर्क में न आने दें
आंखों को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें
पलकों की स्वच्छता - पलकों की सूजन का इलाज करने के लिए पलकों को स्वच्छ रखना बहुत जरूरी है। डॉक्टर आपको पलकें साफ करने के लिए बेबी शैंपू या स्पेशल आइलिड क्लींजर प्रोडक्ट दे सकते हैं। साथ ही आपको पलकों को धोने का सही तरीका भी समझाया जा सकता है।
दवाएं - अगर डॉक्टर यह पता लगा लेते हैं कि बैक्टीरियल संक्रमण के कारण ही पलकों की सूजन हुई है, तो इलाज के रूप में कुछ एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। ये दवाएं खाने की गोलियों या इंजेक्शन के रूप में दिए जा सकते हैं।
आई ड्रॉप्स - अगर सेबोरिक डर्मेटाइटिस या रोजेशिया जैसी समस्याओं के कारण पलकों में सूजन में सूजन हुई है, तो इस स्थिति का इलाज करने के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स और आर्टिफिशियल टियर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।