शास्त्रों में कई तरह के नियम बताये गए हैं जिनका पालन करना न सिर्फ शुभ बल्कि फलदायी भी माना गया है। साथ ही, इन नियमों के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी शामिल हैं।
इन्हीं नियमों में से एक है घर के अंदर चप्पल या जूते न पहनने का। मान्यता है कि घर के अंदर कभी भी न तो बाहर के चप्पल-जूते ले जाने चाहिए और न ही घर में चप्पल पहनकर घूमना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है।
ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि अकहिर क्यों घर के भीतर चप्पल नहीं पहननी या लानी चाहिए और साथ ही जानेंगे इससे मिलने वाले परिणामों के बारे में विस्तार से।
घर में चप्पल न पहनने का धार्मिक कारण (Religious Reason For Not Wearing Slippers At Home)
not to wear slippers in home
घर के आंगन में ब्रह्मा का वास माना गया है।
घर में हम मंदिर भी रखते हैं।
घर की तिजोरी में लक्ष्मी माता का वास होता है।
घर की बालकनी में तुलसी माता (तुलसी के पास रखें ये चीजं) स्थापित होती हैं।
इन सभी कारणों से घर को देव स्थान के समान माना जाता है।
इसलिए घर में चप्पल नहीं पहननी चाहिए।
यह भी पढ़ें: Hindu Beliefs: बच्चों के इन हिस्सों पर लगाएं काला टीका, बुरी नजर से होगी रक्षा
घर में नंगे पैर ही घूमना चाहिए।
मान्यता है कि घर में चप्पल पहनने से वास्तु दोष लगता है।
मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और आर्थिक समस्या उत्पन्न होने लगती है।
तुलसी की शुभता भी खत्म हो जाती है।
मंदिर में मूर्तियां तो होती हैं लेकिन भगवान (भगवान को क्यों लगाते हैं भोग) का वास नहीं रहता।
साथ ही ब्रह्म दोष का भोगी व्यक्ति को बनाना पड़ता है।
घर में चप्पल न पहनने का वैज्ञानिक कारण
घर में चप्पल न पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
घर में चप्पल पहनने से गंदगी फैलती है।
बीमारी फैलाने वाले बक्टेरिया फैलते हैं।
यह भी पढ़ें:Hindu Beliefs: प्रसाद लेने के बाद सिर पर हाथ क्यों घुमाते हैं?
घर में बाहर की चप्पल लाने से नेगेटिविटी आती है।
घर में चप्पल न पहनने से एक्स्ट्रा सफाई से बच जाते हैं।
जूते-चप्पल के कारण फर्श भी खराब नहीं होता है।
तो इस कारण से न तो घर में बाहर की चप्पल लानी चाहिये और न ही घर में चप्पल पहननी चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।