इस माॅडल को क्यों कहते हैं 'स्लम प्रिंसेस ऑफ इंडिया'?
जानें मलीशा खारवा की कहानी
Maleesha Kharwa: कहने को तो परियों की कहानी हकीकत नहीं सपनों का मायाजाल है, लेकिन सपनों में परियों संग रहने वाली बच्चियां इस उम्मीद में रहती हैं कि शायद एक दिन वह भी परियों की तरह आसमान में उड़ पाएं। इन्हीं बच्चियों में से एक लड़की का सपना साकार हो गया। सिंड्रेला की कहानी की तरह इस लड़की की किस्मत भी बदली, जब झुग्गी से निकलकर वह सोशल मीडिया सेंसेशन बन गई। यह कहानी है मुंबई की मलिन बस्ती में रहने वाली मलीशा खारवा की। मलीशा महज 14 साल की थीं, जब उनके पैरों को पंख लगे और आज वह बस्ती से निकलकर आसमान की उड़ान भर रही हैं।
दरअसल मलीशा मुंबई के स्लम में रहा करती थीं। झुग्गी में रहने वाली इस साधारण सी लड़की के पिता घर चलाने के लिए मेहनत करते। वह बच्चों की पार्टी में जोकर बनकर जाते। इस काम से जो पैसा मिलता, उस से परिवार का पेट पालते थे। मलीशा और उनके माता पिता के अलावा परिवार में एक छोटा भाई भी है।
लेकिन अचानक मलीशा के जीवन में बड़ा बदलाव आया, जब उनपर हॉलीवुड एक्टर रॉबर्ट हॉफमैन की नजर पड़ी। राॅबर्ट पिछले साल फरवरी में भारत आए। रॉबर्ट यहां एक म्यूजिक वीडियो शूट करने आए थे। हालांकि किसी वजह से वो शूटिंग नहीं हो पाई।
लेकिन उनकी मुलाकात मलीशा से हो गई। मलीशा झुग्गी के लोगों के बीच खड़ी थीं, लेकिन कोई भी उस भीड़ में भी मलीशा को पसंद कर सकता था। रॉबर्ट ने मलीशा के साथ कई इंस्टाग्राम वीडियो बनाए। मलीशा का एक इंस्टाग्राम पेज बनाया गया, जिसमें इन वीडियो को डाला गया। वीडियो में मलीशा रॉबर्ट हॉफमैन को हिंदी सिखाते दिख रही हैं। फिलहाल उनके इंस्टाग्राम अकाउंट के फॉलोअर्स लाखों में हैं।
बाद मे मलीशा को मशहूर डिजाइनर फाल्गुनी शेन पीकॉक की पीकॉक मैगजीन के लिए फोटोशूट कराने का मौका मिला और वह इस फैशन मैगजीन की कवर गर्ल बन गईं। उन्हें कई बड़े ऑफर मिलना शुरू हो गई। मलीशा के सफर पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी, जिसका नाम है 'लिव योर फेयरी टेल'। मलीशा खारवा आज सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर, कंटेंट क्रिएटर और मॉडल हैं और स्लम प्रिंसेस ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर हैं।