क्यों मनाई जाती है Hartalika Teej जानें इसका इतिहास और महत्व?

Update: 2024-09-05 08:49 GMT
 Lifetyle.लाइफस्टाइलहरतालिका तीज का व्रत बिहार, यूपी समेत उत्तर भारत के तमाम राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से ईश्वर एक सुखी और सुंदर गृहस्थ जीवन का वरदान देते हैं। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर इसे लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं इस बार हरतालिका तीज का व्रत कब है।
हरतालिका तीज का व्रत कब है-
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि में मनाते हैं। इस लिहाज से तृतीया तिथि 5 सितंबर को भी है और 6 सितंबर को भी। तृतीया 5 सितंबर यानी आज दोपहर 12:21 से शुरू है और 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा। तो जो लोग तिथि के अनुसार करते हैं वो इन दौरान करेंगे पर हिंदू धर्म में उदया तिथि को ज्यादा मान्यता दी जाती है इस लिहाज से ज्यादातर लोग 6 सितंबर यानी कल सूर्य उदय के साथ व्रत रखेंगे।
हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है-
हरतालिका तीज भक्ति और वैवाहिक सुख के महत्व को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। जो विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगती हैं, उनके लिए यह त्योहार खास महत्व रखता है। इसको पीछे कहानी ये है कि पार्वती जी को शिवजी पसंद आ गए थे और वो उनसे शादी करना चाहती थीं। तो अपने सहेलियों के साथ जंगल में चली गई और ये व्रत किया और शिवजी से पति होने का वरदान मांगा। इसके अलावा तमाम अलग-अलग जगहों पर इसे लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित हैं और उन्हीं कहानियों के अनुसार लोग इस व्रत को करते हैं। कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को करती हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें एक अच्छा पति मिलेगा। साथ ही उनकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी होगी।
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