प्रेगनेंसी के दौरान क्यों होता है छाती में दर्द की समस्या, जाने क्या इसके का संकेत

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होती रहती हैं,

Update: 2021-07-28 12:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होती रहती हैं, इसलिए वो तमाम समस्याओं को बहुत गंभीरता से नहीं लेतीं. ज्यादातर महिलाएं इन समस्याओं को प्रेगनेंसी की वजह से होने वाली समस्या मानकर इग्नोर कर देती हैं. इन्हीं में से एक छाती में दर्द की समस्या है. आमतौर पर ये समस्या पेट और फेफड़ों पर दबाव पड़ने की वजह से होती है.

दरअसल बढ़ते हुए शिशु के वजन से गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है. इसके कारण पेट और फेफड़ों पर भी दबाव पड़ना शुरू हो जाता है. इसकी वजह से कई बार महिला को सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, घबराहट, सीने में दर्द, हार्ट बीट तेज होने जैसी समस्याएं होती हैं. वहीं कई बार ऐसा गैस और एसिडिटी के कारण भी हो सकता है. लेकिन किसी भी हाल में इसे सामान्य समझकर इग्नोर न करें क्योंकि सीने में दर्द की गंभीर वजह भी होती हैं. इस समस्या को नजरअंदाज करना आपको और आपके बच्चे को मुसीबत में डाल सकता है. जानिए छाती में दर्द की अन्य संभावित वजह.

पल्मोनरी एम्बोलिज्म : प्रेगनेंसी के दौरान कभी कभी फेफड़ों की बाहरी नसों में ब्लड क्लॉट के कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या हो जाती है. इस दौरान फेफड़ों में मौजूद धमनी में ब्लॉकेज हो जाता है. ये स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है.

हार्ट डिजीज : हार्ट संबन्धी तमाम परेशानियों का भी एक लक्षण सीने में दर्द होता है. चूंकि प्रेगनेंसी के दौरान बीपी और शुगर लेवल में भी कई बार उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. ऐसे में ये स्थिति महिला और उसके बच्चे के लिए कॉम्प्लिीकेशंस बढ़ा सकती है. इसलिए इस स्थिति को नजरअंदाज न करें.

प्री-एक्लेम्पसिया : प्री-एक्लेम्पसिया उच्च रक्तचाप विकार है. इसमें यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने लगता है. ये समस्या आमतौर पर जो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद होती है. इसकी वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है. प्री-एक्लेम्पसिया की स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए घातक साबित हो सकती है.

क्या करें

– प्रेगनेंसी के दौरान बीपी चेक करने वाली मशीन घर पर जरूर रखें. सीने में दर्द होने पर फौरन बीपी चेक करें. अगर बीपी बढ़ा हुआ है या बहुत ज्यादा कम है है तो विशेषज्ञ से परामर्श करें.

– अगर सीने में दर्द गैस की वजह से है तो कुछ घरेलू उपचार किए जा सकते हैं. ऐसे में महिला पानी में नींबू और काला नमक डालकर पी सकती है या हींगवटी, शोधी हरड़ वगैरह ले सकती हैं.

– अगर दर्द गर्भाशय के आकार बढ़ने के कारण है तो इसका प्रसव होने तक को परमानेंट इलाज नहीं है. ऐसे में दाईं करवट लेटने पर आराम मिल सकता है.

– परेशानी ज्यादा है तो जबरन बर्दाश्त न करें. विशेषज्ञ से संपर्क करें.

– इसके अलावा इन समस्याओं से बचने के लिए विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित योगासन नियमित करें. कुछ देर टहलें, इसके अलावा अपनी डाइट को सं​तुलित रखें.

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