पीरियड्स में महिलाओं के पेट के इस हिस्से में क्यों होता है दर्द? जानिए इसके कारण
मेंस्ट्रुएशन पीरियड्स , माहवारी, मासिक धर्म नैचुरल है. जिस तरह से हम सांस लेते हैं, भूख लगती है ठीक उसी तरह से पीरियड्स भी बेहद नॉर्मल है. हालांकि आज भी कई जगह इसे लेकर टैबू है. इसे लोग बीमारी की तरह देखते हैं. औरतों वाली बीमारी. लोग इसपर खुलकर बात तक नहीं करते हैं.
पीरियड्स में क्या होता है?
पीरियड्स में महिलाओं के गर्भाशय (Uterus) के इनर लाइनिंग टूटकर खून और टिश्यू के फॉर्म में वजाइना से बाहर निकलते हैं. मेंस्ट्रुअल साइकिल पीरियड के पहले दिन से ही माना जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक मेंस्ट्रुअल साइिकल 21 से 35 दिनों का होता है. जैसा कि आपको पता है मेंस्ट्रुएशन 10-12 साल में शुरू हो जाता है. वहीं कुछ लड़कियों को यह पहले शुरू हो जाता है.
पीरियड्स के दौरान महिलाएं कई परेशानियों से गुज़रती हैं
मेंस्ट्रुएशन के दौरान लड़कियों को कई तरह के असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है. जिसकी वजह से इन दौरान लड़कियों को काफी कमजोरी होती है. रीर में हॉर्मोनल बदलाव, अत्यधिक दर्द (Menstrual Cramps) भी होता है.
पेनफ़ुल मेंस्ट्रुएशन को डिस्मेनोरिया (Dysmenorrhea) के नाम से बुलाया जाता है.
डिस्मेनोरिया दो प्रकार के होते हैं- प्राइमरी और सेकेंडरी
प्राइमरी डिस्मेनोरिया
जिन महिलाओं को मेंस्ट्रुएशन से पहले और मेंस्ट्रुएशन के दौरान काफी ज्यादा दर्द होता है. उसे प्राइमरी डिस्मेनोरिया कहते हैं. इस दौरान महिला असहनीय दर्द से गुजरती हैं.
सेकेंडरी डिस्मेनोरिया
इसमें बात थोड़ी अलग हो जाती है. इसमें यह होता है कि ऐसी महिलाएं या लड़कियां जिनके पीरियड्स शुरुआत में नॉर्मल थे लेकिन बाद में असहज हो गए. ऐसी अवस्था को सेकेंडरी डिस्मेनोरिया कहते हैं.
यूट्रस के आउटर लाइनिंग के जैसे ही टिश्यूज़ का यूट्रस के बाहर यानि फ़ैलोपियन ट्यूब्स, ओवरीज़ पर या पेलविस के टिश्यू के लाइनिंग पर बन जाना.
यूट्रस के वॉल पर नॉन-कैंसरस टिश्यूज़ का अजीब तरीके से बढ़ना. उस स्थिति में भी पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा दर्द होता है.
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड बैक्टीरिया से फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स में इन्फ़ेक्शन कर देना. जिसके कारण भी महिलाओं को काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है.
यूट्रस के टिश्यूज़ का मस्कुलर टिश्यू वॉल्स में बदलना. जिसके कारण यूट्रस सिकुड़ने लगता है. जिसके कारण भी काफी ज्यादा दर्द होता है.
कुछ महिलाओं की सर्विक्स की ओपनिंग काफी छोटी होती है जिस वजह से मेंस्ट्रुअल ब्ल्ड फ़्लो में दिक्कत आती है. इससे यूट्रस पर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है. जिसके कारण महिलाएं तेज दर्द फिल करती हैं.
यही कारण है कि पेट नीचले हिस्से में पीरियड्स के वक्त औरतों को तेज दर्द महसूस होता है. और इसी के कारण पीठ में भी दर्द होता है.