क्यों आते हैं मिर्गी के दौरे जाने लक्षण और उपाय

दुनियाभर में 5 करोड़ से ज्यादा लोग मिर्गी (Epilepsy) से प्रभावित हैं और उनमें से 80 प्रतिशत विकासशील देशों के है

Update: 2022-02-27 07:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  दुनियाभर में 5 करोड़ से ज्यादा लोग मिर्गी (Epilepsy) से प्रभावित हैं और उनमें से 80 प्रतिशत विकासशील देशों के है. भारत में यह सिरदर्द के बाद दूसरा सबसे आम क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल समस्या (Neurological Disorder) है. दिमाग (Brain) में संक्रमण और दिमाग में आई किसी परेशानी के कारण लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं. अधिक नशा करना और दिमाग तक ऑक्सीजन (Oxygen) कम पहुंचना और सिर पर चोट भी दौरे का कारण बन सकती है. डॉक्टरों के मुताबिक, मिर्गी किसी अन्य बीमारी की तरह एक बीमारी है. लेकिन लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग इसे बीमारी समझते ही नहीं है. इसके इलाज के लिए अलग अलग नुस्खे अपनाते हैं, लेकिन डॉक्टरों से सलाह नहीं लेते हैं. कई लोगों को लगता है कि यह एक संक्रामक बीमारी है, जबकि ऐसा नहीं है.

वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक कुमार का कहना है कि मिर्गी एक ऐसी समस्या है जिसमें दिमाग में न्यूरॉन सेल्स की अवस्‍था बिगड़ जाती है जिससे दौरे पड़ते हैं. यदि मस्तिष्क में कोई इंफेक्शन हो गया हो तो भी मिर्गी आने लगती है. इसका कोई खास निर्धारित कारण नहीं है. यह न तो जेनेटिक बीमारी है और न ही किसी खास उम्र में होती है. मिर्गी भी दो प्रकार की होती हैं. अधिकतर मामलों में मरीज के दिमाग के एक छोटे हिस्से में ही दौरा पड़ता है. कुछ मरीजों के पूरे दिमाग में दौरा पड़ता है. ऐसे लोगों को जिंदगी भर दवा खानी पड़ सकती है. कई गंभीर मामलों में तो मरीज का ऑपरेशन करने की नौबत भी आ जाती है. मिर्गी के आने पर सबसे जरूरी है कि तुरंत डॉक्टरों की सलाह ली जाए.
बच्चों को भी होती है समस्या
डॉ. के मुताबिक, बच्चों में भी बड़ी संख्या में यह समस्या देखी जाती है, लेकिन लोग इसका सही से उपचार नहीं कराते हैं. बच्चे को जब मिर्गी का दौरा पड़ता है तो लोग उनके मुंह में चम्मच, उंगली या पानी डालने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. दौरे की रिकॉर्डिंग करनी चाहिए, जिससे डॉक्टर को समझने में आसानी होती है. अक्सर दौरे चार-पांच मिनट में रुक जाते हैं. कई बच्चों को बार बार मिर्गी के दौरे आते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके दिमाग पर इस बीमारी का असर गंभीर हो जाता है और उसके बाद उन्हें इलाज़ सही से भी नहीं मिल पाता है. अगर किसी बच्चे को दौरान बार-बार आ रहा है तो तो तत्काल उसे अस्पताल ले जाना चाहिए.
यह हैं मिर्गी के लक्षण
बेहोशी आना
अचानक से शरीर लडखडाने लगता है
शरीर में झटके लगते हैं
हाथ और पैरों की मांसपेशियों जकड़ जाती हैं


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