कोई शुभ काम करने से पहले, स्कलू में एग्जाम देने से पहले या जब आप कहीं बाहर जा रहे हों तो आपको सबसे पहले दही-चीनी खिलाई जाती है। यहां तक की शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्य करने से पहले भी दूल्हे को दही-चीनी खिलायी जाती है। अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों न किया जाता है तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक वजहें बताते हैं।
जीवन में होता है सब कुशल मंगल
हिंदू धर्म में दही को पांच अमृत माना जाता है। ज्योतिषिय के मुताबिक जब भी किसी सफेद चीज को खाकर घर के बाहर निकला जाता है तो मन में एकाग्रता और पॉजिटिविटी बढ़ती है। जिससे किसी भी कार्य को अच्छे से किया जा सकता है। घर से निकलने के पहले दही खाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। साथ ही हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। माना जाता है कि दही खाने से दिमाग तेजी से चलता है। यह भी माना जाता है कि अगर आपको किसी किसी तरह की परेशानी हो रही हो और समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें तो दही खा ले। इससे आपका मन शांत हो जाएगा। फिर आप किसी भी काम को आसानी से कर सकते है।
सेहत के लिए फायदेमंद है दही और चीनी
दही हमारे शरीर के लिए सुपरफूड की तरह है। दही को सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक दही खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। दही खाने से आंतों के अंदर के कई बुरे जीवाणु मर जाते हैं। कई दूसरी चीजों का खाने से आंतों में फूलन आ जाती है। दही, खाने को पचाने में मदद करने के साथ ही नैचरल लैक्सेटिव यानी खाने को मुलायम बनाने में भी मदद करता है। दूध से बनने वाली दही में कैल्शियम, विटमिन बी-2, बी-12, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे अहम विटमिन्स और मिनरल्स भी पाए जाते हैं।