दिल्ली-NCR में कहां कर सकते हैं गणपति विसर्जन? नोट कर लें लोकेशन वरना लगेगा 50 हजार का जुर्माना
नोट कर लें लोकेशन वरना लगेगा 50 हजार का जुर्माना
10 दिवसीय गणेशोत्सव का त्यौहार देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी देवा के प्रति लोगों का प्यार देखने लायक है। बप्पा का हर 1 दिन लोगों के लिए काफी खास है। 28 सितंबर वह दिन होगा, जब भक्तों को बप्पा को विदा करना होगा। वैसे तो विसर्जन 10 दिनों बाद किया जाता है। लेकिन कई लोग हैं जो गणेश चतुर्थी के डेढ़ दिन होने के बाद, 3 दिन या फिर 5 दिन के बाद विदा कर देते हैं।
अगर आप दिल्ली-NCR में रहते हैं और आप भी बप्पा के विसर्जन के लिए जगह ढूंढ रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम का है। क्योंकि सरकार द्वारा कई ऐसी जगहें हैं, जहां विसर्जन पर रोक लगाई गई है। बढ़ते जल प्रदूषण के चलते यह फैसला लिया गया है।
साल 2019 में यमुना में मूर्ति विसर्जन पर बैन लगाया गया था। यदि आप भूल से भी यहां मूर्ति विसर्जित करते हैं, तो आपको 50 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा। साथ ही आपको 6 साल की सजा भी हो सकती है।
कहां कर सकते हैं गणपति विसर्जन
देखा जाए तो कुछ समय से काफी संख्या में निजी समितियां गणेश पंडाल के साथ-साथ विसर्जन की भी व्यवस्था कर रही हैं। वह पंडाल स्थल के आसपास ही टबों आदि में विसर्जन की तैयारी करते हैं। (गणेश चतुर्थी' को घूमकर आएं सबसे खूबसूरत जगहें)
नोएडा में कहां कर सकते हैं विसर्जन
हरौला सेक्टर-5 में महिला पार्क (Women Park In Harola Sector-5)- यहां विसर्जन के लिए एक स्पेशल अलग से तालाब का निर्माण किया गया है। (भगवान गणेश मंत्र)
इसके सिवा नोएडा विभाग द्वारा द्वारा सेक्टर-46 में रामलीला मैदान, तिकोना पार्क सेक्टर 121 , सेक्टर 78- नोएडा हाइड पार्क सोसाइटी, सेक्टर 120-प्रतीक लोरियल के पास आप विसर्जन के लिए जा सकते हैं।
दिल्ली में कहां कर सकते हैं विसर्जन
जल प्रदूषण को ध्यान रखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा 151 जगहें निर्धारित की गई है। इसके लिए निजी एजेंसियों की सहायता से जगह-जगह तालाब का निर्माण किया गया है।
जिसमें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए 12, वेस्ट दिल्ली की 20, साउथ दिल्ली की 12 जगहों पर, साउथ ईस्ट दिल्ली की 10, सेंट्रल दिल्ली की 12, नई दिल्ली की 17, नॉर्थ दिल्ली की 6 और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के लिए कुल 18 तालाबों का निर्माण किया गया है।
यह आर्टिफिशियल तालाब विसर्जन के बाद हटा दिए जाते हैं। इसी तरह के तालाब छठ पूजा में महिलाओं के लिए तैयार होते हैं।