सरसों तेल के नुकसान (Losses of mustard oil in hindi)
सरसों के तेल में मौजूद इरुसिक एसिड का स्तर अधिक होने के कारण, यह दिल के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यह हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने के साथ दिल के लिए भी हानिकारक होता है ।
गर्भावस्था के समय गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि सरसों के तेल में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जिससे गर्भपात होने का खतरा बना रहता है।
कुछ लोगों को सरसों के तेल से खुजली, लालिमा और सूखी त्वचा जैसी एलर्जी भी हो सकती है, ऐसे में उन लोगों को सरसों के तेल का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
सरसों के तेल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में राइनाइटिस हो सकता है। जिससे खांसना, छींकना, भरी हुई नाक व नाक से पानी बहना आदि समस्याओं का सामना करना पढ़ सकता है। अगर किसी व्यक्ति को सरसों के तेल के सेवन से यह सब परेशानियां हो रही है तो, उस व्यक्ति ने सरसों के तेल का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से अपनी त्वचा पर सरसों के तेल का उपयोग करता है, तो उसकी त्वचा काली होने लगेगी। इसलिए त्वचा पर सरसों के तेल का लगातार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
एसिड से भरपूर सरसों के तेल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से यह ब्लड प्लेटलेट्स में बड़ी तेज़ी से गिरावट का कारण बनता है, जिससे शरीर में एनीमिया का ख़तरा बढ़ जाता है।