Vrikshasana: सामान्य और आसान योग में वृक्षासन का नाम शामिल है, जिसे अंग्रेजी में ट्री पोज कहते हैं। नाम से ही स्पष्ट है वृक्षासन में शरीर वृक्ष के मुद्रा में होता है और उसमें संतुलन बनाना होता है। आइए जानते हैं वृक्षासन के अभ्यास के क्या फायदे हैं, वृक्षासन करने का सही तरीका क्या है और इसके अभ्यास के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
वृक्षासन के अभ्यास का सही तरीकाCorrect way to practice Vrikshasana
स्टेप 1- वृक्षासन के अभ्यास के लिए सीधे खड़े हो जाएं।
स्टेप 2- अब दाहिने घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें।
स्टेप 3- बाएं पैर को सीधा रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं।
स्टेप 4- हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हथेलियों को एक साथ मिलाकर नमस्ते मुद्रा में लाएं।
स्टेप 5- कुछ समय इसी अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
वृक्षासन के फायदेBenefits of Vrikshasana
वृक्षासन संतुलन बनाने वाला आसन है, जिससे शारीरिक और भावनात्मक दोनों संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
वृक्षासन पैरों, टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
इस आसन से एकाग्रता में सुधार होता है।
साइटिका की समस्या में इस योग के अभ्यास से राहत मिल सकती है।
वृक्षासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
घुटने मजबूत बनाता है और हिप्स के जोड़ ढीले रखने में मदद करता है
आंखों, कान और कंधों की मजबूती के लिए यह आसान असरदार है
इस आसन से छाती की चौड़ाई बढ़ाने में मदद मिलती है।