कोविड में कर रहे हैं विटामिन-सी और जिंक का सेवन, जानें कब फायदे की जगह पहुंचाने लगता है नुकसान
विटामिन-सी का सेवन
कोरोना के कहर से सहमे लोग रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या-क्या नहीं कर रहे। कोई तुलसी, लौंग, काली-मिर्च से बना काढ़ा पी रहा है तो किसी ने विमामिन-सी, विटामिन-ई और जिंक की गोलियों का सेवन शुरू कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो तीनों ही पोषक तत्वों की अति मानव शरीर के लिए ठीक नहीं। सिर्फ वायरस से मुकाबले के नाम पर महीनों विटामिन-सी की गोलियां खाने से किडनी में पथरी की समस्या उभर सकती है। वहीं, जिंक की अधिक खुराक से पेट, लिवर और किडनी से जुड़ी बीमारियां पनपने, जबकि विटामिन-ई की अति से खून पतला होने व दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
वायरस पर वार में मददगार
1.विटामिन-सी
-श्वेता रक्त कोशिकाओं के अलावा 'फैगोसाइट' नाम की प्रतिरोधक कोशिकाओं का विकास सुनिश्चित करता है विटामिन-सी। ये कोशिकाएं खून में मौजूद विषाणुओं को सोखकर संक्रामक रोगों से निजात दिलाती हैं। आंत के ऊपर सुरक्षा कवच बनाकर कीटाणुओं को बाहर निकलकर खून में घुलने से रोकती हैं।
किसे कितनी जरूरत
-विशेषज्ञ स्वस्थ वयस्कों को 65 से 90 मिलीग्राम विटामिन-सी रोजाना लेने की सलाह देते हैं।
-06 से आठ ग्राम खुराक लेने पर सर्दी-जुकाम के लक्षणों से दो से तीन दिन में राहत मिलती है।
ज्यादा सेवन घातक
-02 हजार मिलीग्राम से अधिक दैनिक सेवन विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, इनमें किडनी में पथरी, डायरिया, पाचन तंत्र संबंधी बीमारियां प्रमुख हैं।
डाइट से कैसे करें हासिल-
खाद्य सामग्री मात्रा विटामिन-सी की उपलब्धता
-शिमला मिर्च एक मध्यम आकार 152 मिलीग्राम
-स्ट्रॉबेरी एक छोटा कप 85 मिलीग्राम
-संतरा एक, मध्यम आकार 70 मिलीग्राम
-ब्रोकोली एक कटोरी 63.3 मिलीग्राम
-पालक प्रति 50 ग्राम 14 मिलीग्राम
2.जिंक
-वायरस से जुड़कर उसका विकास बाधित करता है जिंक। रोग-प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा कर संक्रमण ठीक होने की रफ्तार बढ़ाता है। शरीर में 300 से अधिक जैविक क्रियाओं के संचालन के लिए जरूरी, इनमें छोटी आंत की खाना पचाने की क्षमता निर्धारित करना प्रमुख। समयपूर्व प्रसव का जोखिम भी घटाता है।
किसे कितनी जरूरत
-18 पार पुरुषों का प्रतिदिन 11 तो महिलाओं का नौ मिलीग्राम जिंक ग्रहण करना जरूरी होता है।
- विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को 11 से 12 मिलीग्राम जिंक रोजाना लेने की सलाह देते हैं।
-शिशु को स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए 12 से 13 मिलीग्राम दैनिक खुराक अहम।
ज्यादा सेवन घातक
- 40 मिलीग्राम से ज्यादा जिंक नहीं लेना चाहिए। स्वस्थ्य वयस्कों को ज्यादा खुराक लेने से दिनभर में, पेट, लिवर, किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डाइट से कैसे हासिल करें
खाद्य सामग्री मात्रा जिंक की मौजूदगी
-ऑयस्टर 85 ग्राम 74 मिलीग्राम
-फलियां आधा कप 2.9 मिलीग्राम
-अंकुरित अनाज एक कटोरी 2.8 मिलीग्राम
-चिकन 85 ग्राम 2.4 मिलीग्राम
-कद्दू के बीज 30 ग्राम
-दही 225 ग्राम 1.7 मिलीग्राम
3.विटामिनी-ई
-'टी-लिम्फोसाइट' नाम की प्रतिरोधक कोशिकाओं के उत्पादन के लिए अहम। ये कोशिकाएं दो तरह की होती हैं। पहली, 'रेगुलेटरी' जो बाहरी तत्वों के शरीर में प्रवेश करने पर एंटीबॉडी का उत्पादन सुनिश्चित करती हैं। दूसरी, 'साइटॉक्सिक' जो बैक्टीरिया-वायरस से संक्रमित कोशिकाओं से जुड़कर उनका खात्मा करती हैं।
किसे कितनी जरूरत
-14 साल से ऊपर के वयस्कों को 15 मिलीग्राम विटामिन-ई का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए।
-शिशुओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 19 मिलीग्राम खुराक लेने की जरूरत पड़ सकती है।
ज्यादा सेवन घातक
-20 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन-ई की खपत करने पर हृदयरोग सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।
डाइट से कैसे हासिल करें
खाद्य सामग्री मात्रा विटामिन-सी की उपलब्धता
-ट्राउट मछली एक छोटा टुकड़ा 1.9 मिलीग्राम
-लाल शिमला मिर्च एक, मध्यम आकार 1.9 मिलीग्राम
-सूरजमुखी का तेल एक टीस्पून 5.6 मिलीग्राम
-बादाम 30 ग्राम 7.3 मिलीग्राम
महामारी ने बढ़ाई बिक्री
-110% बढ़ गई विटामिन-सी की गोलियों की बिक्री, 185 करोड़ कुल गोलियां बिकीं साल 2020 में
-93% वृद्धि दर्ज की गई जिंक सप्लीमेंट की बिक्री में, 54 करोड़ गोलियां खरीदी भारतीयों ने बीते वर्ष
(स्रोत : रिसर्च फर्म 'एआईओसीडी-अवाक्स' की रिपोर्ट)
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
-विटामिन-सी पानी में घुलनशील विटामिन है। यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलता रहता है। हालांकि, लंबे समय तक इसका सेवन करना घातक है। किडनी में पथरी बनने का खतरा 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है। : डॉ. नारायण प्रसाद, विभागाध्यक्ष, किडनी रोग विभाग, पीजीआई लखनऊ
-यदि संक्रमित हैं तो विटामिन-सी और जिंक का सेवन 15 दिन से एक माह तक कर सकते हैं। यदि स्वस्थ हैं तो इन दवाओं के सेवन से बचें। आपके लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। उल्टी-दस्त के अलावा गले व छाती में जलन की शिकायत भी मुमकिन है। : डॉ. एके त्रिपाठी, केजीएमयू