बच्चेदानी, ब्लैडर (bladder) और रेक्टम (rectum) के बीच होती है और इन दोनों हिस्सों को विभाजित करती है। रेक्टम के जरिए ही हम मल त्याग करते हैं और जब बच्चेदानी खिसकती है तो सबसे ज्याद परेशानी ब्लैडर और रेक्टम से जुड़ी ही आती है।
ब्लॉटिंग की समस्या
यूरिन पास करने में दर्द होता है
पेट के निचले हिस्से, वेजाइना के पास आपको भारीपन महसूस होता है।
नीचे बैठने में परेशानी और हैवीपन लगता है
हिप्स और पेट का ज्यादा बाहर निकला
और कई बार हंसने, खांसने या कूदने पर यूरिन निकल जाता है।ये सारे कारण बच्चेदानी के बाहर खिसकने के हो सकते हैं और अब जानिए कि बच्चेदानी बाहर खिसकने के कारण क्या है?
तो बता दें कि ऐसा होने के बहुत से कारण हो सकते हैं- जैसे उम्र बढ़ने के साथ शरीर कमजोर हो जाता है। .प्रैग्नेंसी और लेबर पेन की वजह से, मेनोपॉज की वजह से।
.जो औरतें 2 या 3 बच्चों की मां नॉर्मल डिलीवरी के जरिए बनी हो।
.वजन ज्यादा होने पर
.फिजिकल एक्टिविटी ना करने पर
.उम्र बढ़ने के साथ महिला के शरीर का निचला हिस्सा कमजोर होता जाता है जैसे पेल्विक एरिया, पीठ और पैर। इस हिस्से की मांसपेशियां कमजोर होने के चलते बच्चेदानी खिसक कर नीचे आने लगती हैं।
यूटेरिन प्रोलैप्स से बचाव के टिप्स
. सबसे पहले तो अपना पोश्चर सही रखें। कई बार महिलाओं के हीप पीछे की ओर से ऊपर उठने लगता है और आगे से वो झुकी हुई नजर आती हैं। ये आपको बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर करता है।
. यूरिन व मल त्याग करते हुए प्रैशर ना डालें। इससे बच्चेदानी पर जोर पड़ता है और आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है।
. आप हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और दो बार साइकलिंग जरूर करें। इससे आपका पेल्विक एरिया और पैर मजबूत होंगे। ब्रिज पोज, डोग पोज या तितली आसन करें।
. कीगल एक्सरसाइज करें, इससे आपकी बच्चेदानी मजबूत होगी। कीगल एक्सरसाइज करने का सबसे आसान तरीका ये है कि एक जगह बैठ जाएं और अपने पेल्विक एरिया को खोलते हुए एक बार पैर फैलाएं और फिर से एक बार पैर चिपका लें। इस तरह लगातार ये करने से आप अपने यूटरेस को मजबूत कर पाएंगे। इसे हर रोज दिन में 10 बार करें। इसके अलावा रोज 5 से 10 बार स्क्वाट एक्सरसाइज जरूर करें। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने वाले योग जैसे कि तितली आसन करें।
. हर बीमारी से बचाव के लिए आपकी डाइट सही होना बहुत जरूरी है। डाइट में फाइबर फूड्स ज्यादा ले ताकि कब्ज ना हो। कैल्शियम खाएं ताकि हड्डियों को मजबूती मिले। साथ ही पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर आहार भी खाएं। आंवले के मौसम में आंवाला खाएं, शहतूत, करौंदा और खरवस खाएं। ये सारी चीजें फोलिक एसिड, विटामिन सी, फाइबर, मिनरल्स और कैल्शियम सभी से भरपूर हैं।
. सही फुटवियर पहनें और हिप्स निकाल कर ना चलें।
. अगर इसके बावजूद फर्क ना दिखें तो स्त्री विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक शेयर करना ना भूलें।