टाइपिंग से होने लगा है कलाई और उंगलियों में दर्द, तो इन अपनाए ये टिप्स
आप चाहे ऑफिस से काम कर रहे हों, या फिर घर से। अगर आपको 8-9 घंटे रोज़ कंप्यूटर के आगे कीबोर्ड के साथ ही बिताने होते हैं,
आप चाहे ऑफिस से काम कर रहे हों, या फिर घर से। अगर आपको 8-9 घंटे रोज़ कंप्यूटर के आगे कीबोर्ड के साथ ही बिताने होते हैं, तो आपको कई चीज़ों का ध्यान रखवना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर लोग लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते वक्त पॉश्चर गलत रखते हैं, जिससे चोट का संभावना बढ़ती है।
अगर आप कीबोर्ड का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं करते हैं, तो आपकी पीठ, कमर, हाथों, आंखों और पैरों में दर्द और स्टिफनेस अक्सर रहती होगी। अगर इसे लंबे समय तक नज़रअंदाज़ किया जाए, तो यह आर्थराइटिस और टेंडनाइटिस में बदल सकता है।
हमेशा पीठ सीधी कर बैठें
जब आप काम करने बैठते हैं, तो आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कई घंटों तक बैठकर काम करना होगा, इसलिए पीठ को सीधा रखें और मुड़ने न दें। झुक कर बैठेंगे, तो शिफ्ट ख़त्म होने तक गर्दन, कमर और पीठ में दर्द होने लगेगा। बैठते वक्त गर्दन, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, पीठ को कुर्सी का सहारा दें।
कम्प्यूटर को दूर रखें
कई लोग काम करते वक्त ध्यान नहीं देते और लैपटॉप या कंप्यूटर की स्क्रीन में घुस कर काम करने लगते हैं। जिससे पॉश्चर के साथ आंखों को भी नुकसान पहुंचता है। कंप्यूटर की स्क्रीन को 20 इंच दूर रखें। साथ ही स्क्रीन आपके आंखों के लेवल पर होनी चाहिए ताकि बैठते वक्त पॉश्चर खराब न हो।
कुर्सी की हाइट ठीक रखें
सबसे पहले काम करने के लिए एक आरामदायक कुर्सी खरीदें। फिर अपने कीबोर्ड के लेवल पर कुर्सी की ऊंचाई को सेट करें। आर्म रेस्ट को भी एडजस्ट करें, ताकि आपके कंधों को आराम मिल सके।
जेल पैड्स का उपयोग न करें
जेल पैड्स को हाथों और कलाई के लिए आरामदायक बताकर बेचा जाता है। हालांकि, इनका उपयोग न करें क्योंकि ये अनावश्यक रूप से कलाई और हथेलियों पर दबाव डालते हैं, जिससे सुन्नता और दर्द होता है।
एर्गोनोमिक कीबोर्ड का उपयोग करें
एक एर्गोनोमिक कीबोर्ड कलाई और उंगलियों को पूरी तरह से संरेखित करने में मदद करता है, जिससे आपकी उंगलियां कीबोर्ड पर ठीक से फैलती हैं। कीबोर्ड का इस्तेमाल करते वक्त कलाई को ठीक से सही जगह पर रखें।
थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लेते रहें
लगातार काम न करें क्योंकि इससे हाथों में दर्द होगा ही, बेहतर है कि हर आधे घंटे में ब्रेक लें। कोशिश करें कि हाथों को स्ट्रेच करें और पॉश्चर को भी स्ट्रेच कर लें। टाइप करने के अलावा दूसरे काम पूरे कर लें, जैसे फोन करना, किसी से मिलना। इससे आपके हाथों के साथ दिमाग को भी ज़रूरी ब्रेक मिल जाएगा और आप रिफ्रेश महसूस करेंगे।