यदि आप बेहद कमजोर, सूजे और ख़ून आनेवाले मसूड़ों से पीड़ित हैं और लगातार आपकी सांसों से दुर्गंध आती है तो आपको मसूड़ों से जुड़ी समस्या हो सकती है. इसे जिंजीवाइटिस के नाम से जाना जाता है और यह मसूड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जिसके लिए आपको तत्काल प्रभाव से किसी दंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. हालांकि अगर उपर्युक्त सभी परेशानियां हाल-फिलहाल में देखने को मिल रही हैं तो आप आर्टिकल में दिए गए घरेलू नुस्ख़ों को आज़मा सकते हैं, ये आपको काफ़ी राहत देंगे.
एलोवेरा जेल
ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी और ऐंटी-माइक्रोबाइल गुणोंवाला एलोवेरा जेल मसूड़ों की बीमारी के इलाज में प्रभावी पाया गया है. ताज़ा एलोवेरा जेल से अपने मसूड़ों को आधे घंटे तक रगड़ें और फिर पानी से कुल्ला करके मुंह साफ़ करें. परेशानी से राहत पाने के लिए इस प्रक्रिया को कुछ सप्ताह तक दिन में दो से तीन बार दोहराएं.
क्रैनबेरी जूस
क्रैनबेरी जूस में मौजूद विटामिन-सी मसूड़ों को संक्रमण से दूर रखता है. आपको बस पूरे दिन में दो टेबलस्पून क्रेनबेरी जूस चाहिए. विटामिन-सी से भरपूर अन्य फल भी मसूड़ों की बीमारी के लिए कारगर होते हैं.
नारियल का तेल
ऑयल पुलिंग एक प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्ख़ा है, जिसमें आप रोज़ाना आधे घंटे तक नारियल का तेल मुंह में लेकर चारों और घुमाते हैं, इससे मुंह में पैदा होनेवाले बैड बैक्टीरिया से आपको छुटकारा मिलता है.
सी-सॉल्ट
ऐंटी-बैक्टीरियल सी-सॉल्ट मसूड़े की सूजन और दर्द के लिए एक प्राचीन और लोकप्रिय घरेलू नुस्ख़ा है. हर दिन सी-सॉल्ट और पानी के घोल से गरारे करें.
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में ऐंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपके कमजोर मसूड़ों को ठीक करने में मददगार साबित होता है. शोध से पता चला है कि टी ट्री ऑयल को मसूड़े पर लगाने से उनकी सूजन कम होती है.
ब्लैक टी
ब्लैक टी में टैनिक एसिड और ऐंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी होते हैं. अपने सूजे मसूड़ों को ठीक करने के लिए दिन में पांच मिनट के लिए उनपर ठंडा टी बैग रखें. कुछ सप्ताह तक दिन भर में दो से तीन बार इस नुस्ख़े को आज़माएं.
कैमोमाइल टी
ऐंटी-सेप्टिक और ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण से भरपूर कैमोमाइल टी का प्रयोग आप मसूड़ों की बीमारी से राहत पाने के लिए कर सकते हैं. इसे बनाकर हल्का ठंडा करें और एक से दो बार इससे कुल्ला करें.