ये मूल मंत्र अभी याद कर लीजिए, आगे बहुत काम आने वाला है. दरअसल आपने भी सुन रखा होगा कि हर चीज संतुलित ही ठीक रहती है. कम या फिर ज्यादा होने से उसके फायदे नहीं, हमें नुकसान होने लगते हैं. बिल्कुल यही होता है शरीर के हीमोग्लोबिन के साथ भी. जब कम होता है, तो हमें कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. जैसे शरीर कमजोर होने लगता है, ज्यादा थकान लगती है, सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है, कई बार बेइंतहा सिरदर्द भी होता है. मगर क्या आपको मालूम है कि शरीर में ज्यादा हीमोग्लोबिन की मौजूदगी भी नुकसानदायक है... नहीं? तो चलिए कुछ नया जानें...
आपको मालूम होना चाहिए की शरीर को स्वस्थ, बीमारियों से मुक्त रखने के लिए हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की सही होना जरूरी है. इसके कम या फिर ज्यादा होने से शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंच सकते हैं. दरअसल हीमोग्लोबिन एक तरह का प्रोटीन है, जो ब्लड में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है. ये हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाने में काफी सहायक भूमिका अदा करता है. बता दें कि हीमोग्लोबिन हर किसी के शरीर में एक सा नहीं होता, ये इंसान की उम्र, लिंग और शारीरिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग या फिर कम-ज्यादा रहता है. यहां हम जानेंगे कि आखिर क्या होगा, शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ जाएगा.
हो जाएंगे हेमोक्रोमैटोसिस का शिकार...
संभव है कि इससे पहले आपने हेमोक्रोमैटोसिस के बारे में न सुना हो, मसलन ये क्या होता, क्यों होता है. मगर जान लें कि अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ी तो आप फौरन इसका शिकार हो जाएंगे. दरअसल पुरुषों में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 15 से 16 प्रति डेसिलीटर होती है, जबकि महिलाओं में 14 से 15 डेसिलीटर इसकी मात्रा मौजूद होती है, ऐसे में अगर हीमोग्लोबिन इससे कम हुआ तब तो आप परेशान होंगे ही, लेकिन अगर ज्यादा भी हुआ तब भी आप बुरी तरह बीमार हो जाएंगे. हेमोक्रोमैटोसिस का शिकार होने पर आपका दिमाग ठीक तरह से काम नहीं करेगा, सोचने-समझने की क्षमता लगभग खत्म हो जाएगी. शरीर में धीरे-धीरे ऑक्सीजन की कमी पेश आने लगेगी.