बच्चे को पड़ोसी के घर भेजने से पहले एटिकेट सिखाने के टिप्स
अगर आपके बच्चे भी पड़ोसियों के बच्चों के साथ खेलना पसंद करते हैं, तो बच्चे को पड़ोसी के घर जाना भी काफी पसंद होगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आपके बच्चे भी पड़ोसियों के बच्चों के साथ खेलना पसंद करते हैं, तो बच्चे को पड़ोसी के घर जाना भी काफी पसंद होगा. कई बार हम बच्चे को चाहे जितना समझाएं, लेकिन वह ढंग से व्यवहार नहीं करते हैं. अगर किसी और के घर जा कर धमा-चौकड़ी मचाएं, तो कई बार पैरेंट्स को समझ नहीं आता है कि बच्चे को किस तरह समझाया जाए.
ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह आप बच्चे को एटिकेट से जुड़ी अच्छी सीख दे सकते हैं, ताकि वजह दूसरों के घर जा कर शैतानी न करें, जिससे घर के अन्य सदस्य असहज महूसस करें. आइए जानते हैं पड़ोसी के घर बच्चे को भेजने से पहले उन्हें अच्छी बातें कैसे सिखाएं, ताकि आप तक बच्चे के बदमाश होने की शिकायत न पहुंचे.
बच्चे को पड़ोसी के घर भेजने से पहले एटिकेट सिखाने के टिप्स
स्कॉलेस्टिक के मुताबिक अपने बच्चे को उदार बनाएं. अगर किसी और व्यक्ति को या पड़ोसी के बच्चे को उसकी मदद की ज़रूरत पड़े, तो बच्चा मदद करने से पीछे न हटे और दोनों साथ में काम करें. इस बात को सिखाते हुए बच्चे को नैतिक शिक्षा से जुड़ी कहानियां सुनाएं.
उन्हें यह बताएं कि खुद से बड़े लोगों को नाम से नहीं बुलाना है. जैसे अंकल को अंकल और आंटी को आंटी कहने के अलावा खुद से बड़े बच्चों को भी दीदी-भैया कहने से बच्चे को परहेज़ न हो.
बच्चे को सिखाएं कि कहीं भी जाने से पहले उसे किसी का भी मज़ाक उड़ाने या फिर उन पर भद्दे कमेंट्स करने से बचना चाहिए. ऐसे में बच्चे को पड़ोसियों से भी तारीफ मिलेगी.
उन्हें बताएं कि बच्चा किसी के भी घर जाकर बड़ों की बातों को अनसुना न करें. अगर कोई बड़े कुछ सिखा रहे हैं, तो उन्हें अनदेखा या फिर अनसुना न करें और ध्यान से बड़ों की बातें सुनें.
अगर वह पड़ोसी के घर जा कर खाना खाता है, तो उन्हें धीरे-धीरे खाना खाने की सीख दें.
बच्चे को सिखाएं कि किसी के भी घर जाने से पहले जूते-चप्पल बाहर निकालकर ही अंदर जाएं.
उन्हें यह भी बताएं कि दूसरों की चीजों को बिना पूछे हाथ न लगाएं.