प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बूटी का काम करती है ये सब्जी, अभी डाइट में करें शामिल
प्रेग्नेंसी के दौरान डाइट का ख्याल रखना जरूरी होता है
प्रेग्नेंसी के दौरान डाइट का ख्याल रखना जरूरी होता है क्योंकि यही एकमात्र जरिया होता है जिससे शिशु को विकास के लिए पोषण मिलता है। इस समय प्रेगनेंट महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा हेल्दी चीजें खाने की सलाह दी जाती है और इस लिस्ट में सहजन भी शामिल है। आगे जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में सहजन क्यों खाना चाहिए और इस समय सहजन खाने से क्या लाभ मिलते हैं।
क्या प्रेग्नेंसी में सहजन खा सकते हैं
प्रेग्नेंसी डाइट में अंडे खाना सुरक्षित रहता है। हालांकि, इस्तेमाल से पहले सहजन को अच्छी तरह से धोना जरूरी होता है। धुलने से पहले सहजन पर परजीवी, बैक्टीरिया और कीटनाशकों के अंश हो सकते हैं जो प्रेगनेंट महिला को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था में सहजन को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं।
प्रेग्नेंसी में सहजन के फायदे
सहजन यूट्राइन कॉन्ट्रैक्शन को सपोर्ट करती है और लेबर पेन और डिलीवरी की प्रक्रिया को आसान करता है। यह सब्जी ज्यादा खून बहने से रोकता है और प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद कॉम्प्लिकेशन कम होता है।
सहजन सुस्ती को दूर करने में मदद करता है और आपको फ्रेश और एक्टिव महसूस करवाता है। यह सब्जी मतली, चक्कर आने और मॉर्निंग सिकनेस के अन्य लक्षणों को कम करती है।
हड्डियां होती हैं मजबूत
सहजन में कैल्शियम, आयरन और विटामिन उच्च मात्रा में होता है जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान हड्डियां मजबूत और हेल्दी बनती हैं। सहजन खून साफ करने का भी काम करती है। सहजन की पत्तियों को मसल कर दूध में डालकर पीने से सेहत बेहतर होती है।
सहजन प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत असरकारी है। इससे पित्ताशय के कार्य में सुधार लाने में मदद मिलती है।
सहजन में विटामिन ए खूब होता है। 100 ग्राम सहजन की ताजी पत्तियों से ही रोजाना के विटामिन ए की 252 पर्सेंट की पूर्ति हो जाती है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने और स्किन की क्वालिटी के साथ इम्यूनिटी में सुधार लाने का भी काम करता है।
हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है
सहजन में आयरन उच्च मात्रा में होता है जिससे हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ता है। इससे एनीमिया का जोखिम कम होता है और एनीमिया के दुष्प्रभाव जैसे कि थकान भी दूर होती है।
सहजन की पत्तियों में औषधीय गुण होते हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान पेट से जुड़े विकारों को दूर करने में मदद करता है।
सहजन में शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले, स्किन और छाती में होने वाले इंफेक्शन से बचाते हैं। फंगल स्किन इंफेक्शन से बचने के लिए भी असरकारी है। यह सब्जी एंटीबायोटिक की तरह काम करती है।
अब इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको साफ हो गया कि प्रेगनेंट होने के बाद भी आप सहजन की सब्जी बनाकर खा सकती हैं। इस सब्जी में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।