फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि 06 मार्च दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा। यानी अगले दिन यानी 07 मार्च को प्रदोष काल में होलिका दहन होगा है।
इस बार 19 वर्षों के बाद श्रावण मास में अधिकमास आने के कारण महाशिवरात्रि और होली 10 से 11 दिन पहले आएगी जबकि रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, दशहरा और दीवाली में करीब 19 दिन की देरी होगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन धुलैंडी मनाई जाती है। अष्टमी से यह त्योहार प्रारंभ हो जाता है।
होली के शुभ संयोग :
- भारतीय पंचांग और ज्योतिष के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होली के अगले दिन से चैत्र शुदी प्रतिपदा की शुरुआत होती है और इसी दिन से नववर्ष का भी आरंभ माना जाता है। इसलिए होली पर्व नवसंवत और नववर्ष के आरंभ का प्रतीक है।
- धृति- 06 मार्च को रात्रि 08:54 से 07 मार्च के दिन रात्रि 09:14 तक रहेगा। इसके बाद शूल योग।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त | Holika dahan 2022 shubh muhurat: 06:31 से 08:58 तक रहेगा रहेगा।
शुभ मुहूर्त :-
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:46 से 12:33 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:07 से 02:54 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:51 से 06:15 तक।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 07:22 से 09:07 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:03 से 07:16 तक।
निशिता मुहूर्त : शाम 11:44 से 12:33 तक।