आंखों में दिख जाता है आयरन की कमी का ये संकेत, न करें नज़रअंदाज़ करने की ग़लती

लाल रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए बेहद अहम होती हैं। यह न सिर्फ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर पूरे शरीर तक पहुंचाने का काम करती हैं, बल्कि यह सांस छोड़ने के लिए आपके फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड भी छोड़ती हैं। हमारा शरीर आरबीसी के उत्पादन के लिए शरीर में स्वस्थ आयरन के स्तर पर निर्भर करता है।

Update: 2022-08-24 04:53 GMT

लाल रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए बेहद अहम होती हैं। यह न सिर्फ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर पूरे शरीर तक पहुंचाने का काम करती हैं, बल्कि यह सांस छोड़ने के लिए आपके फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड भी छोड़ती हैं। हमारा शरीर आरबीसी के उत्पादन के लिए शरीर में स्वस्थ आयरन के स्तर पर निर्भर करता है।

इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी से अक्सर थकान और सांस की तकलीफ सहित कई तरह के लक्षण जन्म ले लेते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा शरीर ऑक्सीजन को शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने के लिए ब्लड सेल्स का उत्पादन नहीं कर पाता है। साथ ही आयरन की कमी अनीमिया जैसी गंभीर स्थिति से भी जुड़ी है।

आयरन की कमी कैसे करती है आंखों को प्रभावित

आयरन की कमी शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के स्वस्थ उत्पादन को प्रभावित करती है, जो शारीर के कई कामों को बाधित करती है। हालांकि, अक्सर शरीर का एक हिस्सा जिसे अनदेखा किया जाता है, वह है आंखें। आयरन की कमी आपकी आंखों की सेहत को भी प्रभावित करती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आयरन की कमी रक्त को आंखों के ऊतकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने से रोकती है, जिसकी वजह से पीलापन आ जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर अक्सर आयरन की कमी के लक्षणों की तलाश में अपने मरीजों में पीलापन ढूंढते हैं।

आईलिड में एक लक्षण पर ध्यान दें

लगातार कमज़ोरी और थकावट चिंता का विषय बन सकता है, जिसकी वजह से आपको डॉक्टर के पास जाना ही होगा। डॉक्टर आपकी आंखों की पलकों की जांच करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर आपकी नीचे की पलकों में पीलेपन की जांच करेंगे, जो आमतौर पर आयरन की कमी का संकेत होता है। लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन ही खून को उसका रंग देता है। इसलिए आयरल का स्तर कम होने से या कमी से खून का रंग भी हल्का पड़ सकता है।


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