पुराने कब्ज का नामोनिशान मिटा देगा ये घरेलू 'रामबाण'
एक नए शोध से पता चलता है कि कब्ज को कम करने और मल की स्थिरता में सुधार करने के लिए कुछ प्रकार के फाइबर दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकते हैं.
एक नए शोध से पता चलता है कि कब्ज को कम करने और मल की स्थिरता में सुधार करने के लिए कुछ प्रकार के फाइबर दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकते हैं. जुलाई में अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि साइलियम फाइबर, विशेष रूप से, पुरानी कब्ज से राहत प्रदान करने में सबसे प्रभावी था. पेक्टिन एक प्रकार का फाइबर है. जो पुराने कब्ज को कम करने में मदद करता है. इस स्टडी में बताया गया कि सभी फाइबर के स्त्रोत सामान्य नहीं होते हैं. शॉन स्पेंसर, एमडी, पीएचडी, एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं. जो सबसे माहिर डॉक्टर माने जाते हैं. उन्होंने बताया की फाइबर समग्र रूप से अधिक प्रभावी होते हैं और कुछ फाइबर कब्ज में सुधार करते हैं. आइए जानते हैं फाइबर से जुड़ी पूरी जानकारी.
इस मेटा-विश्लेषण के लिए, किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पुरानी कब्ज वाले व्यक्तियों में फाइबर सप्लीमेंट पर 16 परीक्षण के रिजल्ट को देखा है. इन अलग अलग तरह के स्टडी से पता चला की सबसे अच्छा फाइबर स्त्रोत में (psyllium) साइलियम, पेक्टिन, इनुलिन और गेहूं की भूसी शामिल है. स्टडी ने दावा किया कि जिन लोगों ने 2 चम्मच साइलियम (psyllium) का सेवन किया था. उन्होंने ज्यादा मल त्याग किया जबकि पेक्टिन फाइबर को भी इसका दूसरा कारक बताया है, लेकिन इस प्रकार के फाइबर पर समग्र रूप से कम डेटा था. शोधकर्ताओं का कहना हैं, कि जो लोग कम मल त्याग, कठोर मल और तनाव का अनुभव करते हैं और पुराने कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं उनके साइलियम सबसे पहला सप्लीमेंट बताया गया जबकि सूजन, अपूर्ण शौच जैसे अन्य लक्षणों का अनुभव करने वाले लोगों के लिए यह सबसे प्रभावी उपचार नहीं हो सकता है.
केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में पोषण विभाग में एक प्रशिक्षक, तमारा रान्डेल, एमएस, आरडीएन के अनुसार साइलियम (Psyllium) मुख्य रूप से फाइबर सप्लीमेंट्स में उपयोग किया जाता है. साइलियम प्लांटैगो ओवाटा पौधे के बीजों की भूसी से तैयार जाता है. जो आमतौर पर भारत में पाया जाता है. कई अध्ययनों से पता चला है कि फाइबर का यह रूप पानी के साथ मिलाकर सेवन करने पर कठोर मल को गाढ़ा बनाता है और आंत से बहुत आसानी से निकल सकता है. अन्य सबसे उपयोगी सप्लीमेंट 'पेक्टिन' उन फलों और सब्जियों में अधिक व्यापक रूप से पाया जाता है. जो हम नियमित रूप से खाते हैं जैसे सेब, गाजर, संतरा, अंगूर और नींबू आदि. शोध से पता चला है कि पेक्टिन सप्लीमेंट लेने वाले लोगों ने शौचालय पर कम समय बिताया और अधिक बार मल त्याग का अनुभव किया, फाइबर एक स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बढ़ावा देकर और कब्ज से राहत देकर स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार कर सकता है. डॉ स्पेंसर ने कहा, पुरानी कब्ज के अधिकांश रोगियों को पहले ज्यादा फाइबर सेवन करने की सलाह दी जाती है. वहीं इन्होंने बताया कि फाइबर सेवन के साथ भरपूर पानी पीना चाहिए जिससे कठोर मल गाढ़ा हो और शौचालय के वक्त शरीर का मल साफ हो जाए, हालांकि फाइबर आम तौर पर सुरक्षित हस्तक्षेप है, रान्डेल के अनुसार बहुत अधिक फाइबर का सेवन करने से गैस, सूजन और असुविधा हो सकती है. यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रत्येक व्यक्ति को थोड़ी अलग मात्रा में फाइबर की आवश्यकता होती है. उनके पेट के स्वास्थ्य के आधार पर, कुछ लोगों को एक दिन में 10 ग्राम से अधिक की आवश्यकता हो सकती है और अन्य को कम की आवश्यकता हो सकती है.