कोर को स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं ये योगासन, जरूर करें प्रैक्टिस

योगासन, जरूर करें प्रैक्टिस

Update: 2023-06-21 09:26 GMT
cहेल्दी रहने के लिए योगाभ्यास करना काफी अच्छा माना जाता है। अक्सर लोग यह मानते हैं कि योगाभ्यास से व्यक्ति को केवल मानसिक शांति मिलती है, जबकि ऐसा नहीं है। योग आपके संपूर्ण स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। यहां तक कि यह आपके कोर की मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए भी योगाभ्यास किया जा सकता है। कोर आपके शरीर का सेन्ट्रल पार्ट है। इसमें आपकी पेल्विस, लोअर बैक, हिप और पेट का एरिया शामिल हैं। कई मसल्स और मसल्स का ग्रुप मिलकर बॉडी का कोर एरिया बनाते हैं।
अधिकतर लोग अपनी कोर को स्ट्रॉन्ग और फ्लेक्सिबल बनाने के लिए जिम में तरह-तरह की मशीन पर वर्कआउट करते हैं। लेकिन अगर आप जिम में पैसा खर्च नहीं करना चाहते हैं या फिर खुद घर पर ही एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो ऐसे में आप योगासनों का अभ्यास करें। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी कोर मसल्स को स्ट्रॉन्ग करने में मदद करेंगे-
नौकासन
अगर आप अपनी कोर को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है। यह आपकी बैली मसल्स से लेकर बैक तक की मसल्स को स्ट्रेन्थ प्रदान करता है। इतना ही नहीं, इस आसन का अभ्यास करने से आपकी लेग्स भी टोन हो जाती हैं। लेकिन अगर किसी को लोअर बैक में इंजरी या दर्द की समस्या है तो उन्हें यह आसन करने से बचना चाहिए।
नौकासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
अब धीरे-धीरे अपने सिर और पैरों को ऊपर उठाएं।
ध्यान दें कि इस दौरान आपको अपना बैलेंस बनाकर रखना है।
साथ ही, इस पोश्चर में आपके घुटने और पीठ एकदम सीधी हों।
जब आपके पेट की मसल्स टाइट होंगी तो इस पोश्चर को मेंटेन करना आसान होगा।
कुछ देर के लिए इसी अवस्था में रूकें और फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
अर्धचन्द्रासन
अर्धचन्द्रासन जिसे हाफ मून पोज भी कहा जाता है, कोर के लिए काफी अच्छा माना गया है। यह आपके कोर की मसल्स स्ट्रेन्थ प्रदान करता है। इस योगासन(शिल्पा शेट्टी की तरह करें योगासन) में जब होल्ड किया जाता है तो इससे कोर के साथ-साथ पैरों को भी फायदा मिलता है।
अर्धचन्द्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
अब आप अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचते हुए हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
अब आप गहरी सांस लें और पहले बायीं ओर जितना अधिक मोड़ सकते हैं, मोड़ें।
आपका एक हाथ को नीचे की तरफ होगा और दूसरा आकाश की ओर।
साथ ही, आप भी ऊपर ही देखने का प्रयास करें।
साथ ही, अपने एक पैर को भी ऊपर ही ओर उठाएं।
ध्यान दें कि इस दौरान आपको आगे की ओर नहीं झुकना है।
अब आप वापिस प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं और फिर दूसरी साइड से भी यही अभ्यास करें।
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वीरभद्रासन 3
वीरभद्रासन 3 को एक बैलेंसिंग पोज माना जाता है, लेकिन यह कोर को भी लाभ पहुंचाता है। इस आसन का अभ्यास करने से आपकी बॉडी को कई तरह से फायदा होता है।
वीरभद्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़ी हो जाएं।
आपके दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी हो।
अब आप अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
इसके बाद आप कमर से अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं। इस समय 90 डिग्री का कोण बनेगा।
अब आप अपना दांया पैर पीछे की ओर ले जाएं। आपका दायां पैर और हाथ एक ही सीध में होंगे।
क्षमतानुसार इस पोज में होल्ड करने की कोशिश करें।
इसके बाद प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। अब दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। (महिलाओं के लिए योगासन)
यह है एक्सपर्ट की राय
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