तलाक का कारण बन रही हैं ये बातें, ना आनें दें इन्हें अपने रिश्ते के बीच
तलाक का कारण बन रही हैं ये बातें,
एक हेल्दी रिलेशनशिप को भी कई बार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता हैं और इन विकट परिस्थितियों को नहीं संभाला जाएं तो रिश्ते की मजबूती पर संकट आने लगता हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि जब एक रिश्ते को आगे बढा़ने के बारे में आप सोचते हैं, तो दोनों पार्टनर्स को बराबरी से अपने कदम बढ़ाने होते हैं। लेकिन कई बार रिश्ते में कुछ बातें ऐसी हो जाती हैं कि नौबत तलाक तक पहुंच जाती हैं। आज हम आपको उन्हीं में से कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से लोग एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं। इन बातों को कभी भी अपने रिश्ते में ना आने दें। आइये जानते हैं इनके बारे में...
फैमिली की जिम्मेदारियां
बहुत से कपल्स के बीच तलाक का एक मुख्य कारण परिवार की जिम्मेदारियां है। फैमिली में पति-पत्नी के अलावा बच्चे भी होते हैं और जब दोनों ही पति-पत्नी वर्किंग होते हैं तो उन्हें बहुत सी चीजों को खुद ही मैनेज करना पड़ता है जैसे कि घर की साफ-सफाई, खाना बनाना, बच्चों की जिम्मेदारी आदि। ऐसे में जब साथ में मिलजुलकर जिम्मेदारियों को नहीं बांटा जाता तो इससे रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है और कई बार बात तलाक तक पहुंच जाती है।
रिश्ते में बेवफाई मिलना
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कोई भी रिश्ता कितना भी स्ट्रॉन्ग क्यों न हो, लेकिन उसमें धोखा आ जाए तो उस रिलेशनशिप का कोई वजूद नहीं रह जाता है। एक्ट्रा मैरिटल अफेयर रिश्तों के टूटने का एक ठोस कारण है। शादी के बाद भी पुरुषों में अधिकतर दूसरी महिलाओं के तरफ आकर्षित होने की संभावना ज्यादा देखने को मिलती है। जिस कारण उनका वर्तमान रिश्ता पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है। कोई भी पत्नी बेवफाई नहीं बर्दाश्त कर सकती है और इसी वजह से वह तलाक लेने पर मजबूर हो जाती है।
धार्मिक मतभेद होना
आजकल दूसरे धर्म में शादी के कारण भी तलाक के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। कई बार ये देखा गया है कि दूसरे धर्म में शादी करने के बाद पार्टनर पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है या हमेशा एक दूसरे के धर्म को लेकर बहस बनी रहती है। जिसके कारण आगे चलकर साथ रहना मुश्किल हो जाता है और अंततः तलाक की नौबत आ जाती है।
कम्युनिकेशन गैप
कई बार रिश्तों में कम्युनिकेशन गैप की वजह से दूरियां आ जाती हैं। किसी सम्बन्ध को समाप्त करना पारस्परिक निर्णय होना चाहिए और आपस में मिलबैठकर बात कर लेनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की गहतफहमी न रहे। हो सकता है कि दोनों के बीच संवाद का तार टूट चुका हो लेकिन फिर भी कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा करना फिर भी ज़रूरी है। यह विचार-विमर्श शांतिपूर्वक और निर्णायक रूप में करें।
ज्यादा पजेसिव होना
शादी के बाद मानसिक व्यवहार बहुत मायने रखता है। कई मामलों में देखा गया पति या पत्नी अपने पार्टनर को लेकर बेहद पजेसिव रहते हैं। वो उन पर दिनभर शक करते हैं। उनके हर काम में हस्तक्षेप करते हैं। वो ऑफिस में हों या अपने बॉस के साथ हों उनके पार्टनर को हर बात जाननी रहती है। जिसके कारण आगे चलकर दोनों के बीच खटास पैदा होने लगती है और धीरे-धीरे रिश्तों में दूरी बन जाती है।
सेल्फ रिस्पेक्ट के साथ समझौता
एक रिश्ते में महिला और पुरुष दोनों बराबरी के हकदार होते हैं, लेकिन समाज की दकियानूसी सोच आज भी इससे सहमत नहीं होती। जहां एक पति अपनी पत्नी को खुद से कमत्तर समझता है और ऐसे में उसे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ता। ऐसे में एक शादीशुदा रिश्ते में जब लगातार पत्नी अपने आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचता हुआ देखती है, तो वह बुरी तरह से टूट जाती है। लाख कोशिशों के बाद भी जब परिस्थिति नहीं सुधरती तो एक समय ऐसा भी आता है, जब वह डिवोर्स लेने का फैसला लेने पर मजबूर हो जाती है।
फाइनेंस को लेकर दिक्कत
तलाक के बहुत से मामलों में पैसा भी एक बड़ा कारण होता है। जब दो लोगों में से कोई एक ज्यादा या कम कमाता है तो इससे सामने वाले के मन में हीन भावना आने लगती है जिससे भी कई बार रिश्तों में खटास आ जाती है। कई बार रिलेशनशिप में एक व्यक्ति काफी खर्चीला होता है जबकि दूसरे व्यक्ति को सेविंग्स का ख्याल ज्यादा रहता है। ऐसे में खर्चों पर बैलेंस ना बन पाने के कारण भी रिश्तों में कड़वाहट बढ़ने लगती है।