Life Style: भारत देश का हर हिस्सा अपनी अनोखी विशेषता रखता हैं जिसमें से कुछ अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी पहचाने जाते हैं। ऐसा ही एक प्रदेश हैं दक्षिण भारत का आंध्रप्रदेश जहां हर नुक्कड़ पर आपको एक न एक मंदिर देखने को मिल ही जाएगा। यहां पर आपको हिंदू धर्म के सभी पूजनीय देवी-देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे। धार्मिक आस्था के साथ ही यहां के मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी जाने जाते हैं। सदियों पहले बनाए गए ये मंदिर अब पर्यटन के लिए भी जाने जाते हैं जिसे देखने विदेशी भी यहां पहुंचते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको आंध्रप्रदेश के कुछ लोकप्रिय मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके दर्शन करने देश के लगभग हर कोने से लाखों भक्त आते हैं और एक बार तो आपको भी जाना चाहिए। आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...
वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति: आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में तिरूमाला की पहाड़ी पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर आंधप्रदेश के प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थलों में से एक है जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु वेंकटेश्वर के दर्शन और मनोकामना पूर्ति के लिए आते है। हिंदू धर्म के लोगों के बीच तिरुपति बालाजी मंदिर की काफी मान्यता है। इस मंदिर की महिमा अपार है। कहा जाता है जीवन में एक बार तिरुपति के दर्शन करने से जीवन सफल हो जाता है। सुम्रदी तल से 853 फीट ऊंचाई पर बने इस मंदिर की पहाड़ी पर सात चोटियां होने से इसे “सात पहाडिय़ों का मंदिर” भी कहा जाता है। दान और धर्म के संदर्भ में ये देश का सबसे अमीर मंदिर है। हर साल करोड़ों रूपए का दान इस मंदिर में किया जाता है। मंदिर में प्रतिदिन 50 हजार से 1 लाख भक्त वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, वहीं विशेष अवसरों पर तीर्थयात्रियों की संख्या 5 लाख तक हो जाती है।
मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर; आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के श्रीसैलम की नल्लामला पहाड़ियों पर बना है भगवान शिव को समर्पित मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर। इन विशाल पहाड़ियों को भगवान का निवास स्थान माना जाता है। कहते हैं शिव यहां हर जगह हैं। ये मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है इसलिए इस जगह का विशेष महत्व है। भगवान राम ने स्वयं यहाँ सहस्रलिंग की स्थापना की थी, जबकि पांडवों ने मंदिर के आँगन में पञ्चपांडव लिंग की स्थापना की थी।