डेंगू बुखार में ये डाइट की चीज़ें संजीवनी बूटी से नहीं हैं कम, जानें क्या क्या ?
डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है। बरसात के मौसम में मच्छर बहुत ज़्याद हो जाते हैं
डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है। बरसात के मौसम में मच्छर बहुत ज़्याद हो जाते हैं और इस वजह से लोग ऑस्कर इस बीमारी की काहपेट में आ रहे हैं। इन दिनों भारत के कई राज्यों में डेंगू के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी में लोगों को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, रैशेज, ठंड के साथ तेज बुखार, थकावट, उल्टी जैसी समस्या होती हैं। कभी-कभी तो डेंगू होने के कारण लोगों की जान भी चली जाती है। ऐसे में इस बीमारी के दौरान मरीज को अपने खान-पान का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि डेंगू के बुखार में इसके मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
पपीता खाएं डेंगू भगाएं
पपीता खाने से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ता है, इसलिए डेंगू के मरीजों को पपीता खाने की सलाह दी जाती है। पपीते को आप शाम के समय खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इसका सेवन आप रात में ना करें।
दही का सेवन करें
दही से कमजोरी दूर होती है।डेंगू के मरीज अपनी डाइट में खिचड़ी या अन्य हल्के-फुल्के आहार के साथ दही खा सकते हैं। लेकिन रात के समय आप दही न खाएं।
अंडे खाएं
डेंगू वाले मरीज अंडा खा सकते हैं, लेकिन उसके अंदर का पीला हिस्सा निकाल दें। अंडे के पीले वाले हिस्से में प्रोटीन की मात्रा ज़्याद होती है, जिसे पाचन में दिक्कत हो सकती है।
Jamun Leaves for Diabetes: डायबिटीज में संजीवनी बूटी की तरह काम करती हैं जामुन की पत्तियां, ऐसे होता है काबू में शुगर
बकरी का दूध पीएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, बकरी के दूध में विटामिन और मिनिरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए डेंगू से बचने के लिए बकरी का दूध बेहतरीन विकल्प में से एक है। साथ ही इसे पचाना काफी आसान होता है।
नारियल पानी
नारियल का पानी तो वैसे बेहद फायदेमंद है। लेकिन डेंगू के मरीजों के लिए ये बहुत ज़्यादा असरदार है। इसमें मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। डेंगू के बुखार में ज्यादा से ज्यादा नारियल का पानी पियें। इससे आपके ब्लड सेल्स की संख्या तेजी से बढ़ती है।
डेंगू होने पर भूलकर भी न खाएं चावल
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डेंगू फीवर में आपको हल्का भोजन करना चाहिए। उनके मुताबिक, डेंगू वाले मरीजों को चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर बहुत ज़्यादा मन करता है तो कभी कभार बहुत कम मात्रा में खाया जा सकता है।