रोजाना की ये आदतें डालती है जोड़ों पर हानिकारक प्रभाव

जोड़ों में दर्द कई कारणों से हो सकते हैं, जिसमें अधिक व्यायाम करना और गलत तरीके से भारी वजन उठाना शामिल है।

Update: 2023-02-23 14:59 GMT

गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों का दर्द एक आम लक्षण है। इसके चलते आसपास की मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट्स के कमजोर होने के साथ-साथ जोड़ों के आसपास की कार्टिलेज और हड्डी का भी क्षरण होने लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रोजाना की आदतें भी जोड़ों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं? ऐसी कुछ आदतों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जो आपके जोड़ों पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।

धूम्रपान
धूम्रपान आपके फेफड़ों और हृदय को तो नुकसान पहुँचाते ही हैं, इनके के अलावा जोड़ों पर भी बुरा असर डालते हैं। सिगरेट में निकोटीन होता है जो ब्लड वैसेल्स को संकुचित करता है और आपके जोड़ों तक ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की मात्रा को सीमित करता है। इसके अलावा अर्थराइटिस के मामले में ली जाने वाली कुछ दवाओं के प्रभाव को भी धूम्रपान कम कर सकता है।
दर्द को नज़रअंदाज़ करना
जोड़ों में दर्द कई कारणों से हो सकते हैं, जिसमें अधिक व्यायाम करना और गलत तरीके से भारी वजन उठाना शामिल है। इससे आपके पूरे शरीर या जोड़ों सहित शरीर के किसी विशेष अंग में दर्द हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द जल्दी ठीक हो जाता है। हालांकि, आपको इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए और इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
ओवर वर्कआउट
व्यायाम और वर्कआउट करना निस्संदेह आपके शरीर के लिए फायदेमंद है। लेकिन ओवर एक्सरसाइज करना आपके स्वास्थ्य और शरीर के लिए बुरा है। इससे ऐंठन और गले में खराश पैदा हो सकती है। यदि आप नया-नया जिम शुरू कर रहे हैं तो हैं, तो इसे धीरे-धीरे और हल्के ढंग से शुरू करें। इसके अलावा, आप हल्की स्ट्रेचिंग और रनिंग से शुरुआत कर सकते हैं।
तनाव
तनाव यानी स्ट्रेस जो आज की लाइफस्टाइल का एक कॉमन हिस्सा बन चुका है, वो सभी परेशानियों के लिए भी सामान्य होता जा रहा है। जी हां, तनाव आपके जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है। जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपका शरीर कुछ ऐसे रसायन छोड़ता है जो जोड़ों में सूजन पैदा करते हैं। इसके अतिरिक्त, तनाव आपको कमजोर बना सकता है और दर्द को सहन करने की आपकी क्षमता को कम कर सकता है। इसीलिए कोशिश करें कि कम से कम तनाव लें ये केवल आपके जोड़ों में ही नहीं बल्कि समग्र स्वास्थ्य के सर्वोत्तम हित में है। आप व्यायाम, ध्यान, योग और मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा जैसे कई तरीकों से स्ट्रेस कम करने की कोशिश कर सकते हैं।
बहुत ज्यादा टेक्स्टिंग
यह आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन बहुत अधिक टेक्स्ट (मैसेज टाइप) करना आपके जोड़ों के लिए अच्छा नहीं हो सकता है। एक ओर जहां अपने प्रियजनों के साथ बातचीत करने से आपको खुशी मिल सकती है, तो वहीं दूसरी ओर लगातार टाइपिंग आपके टेंडन को परेशान कर सकती है। इस गतिविधि से न केवल आपकी उंगलियां बल्कि आपकी गर्दन और कंधे भी प्रभावित होते हैं।
इन सभी के साथ आप जो खाते हैं उसका भी खास ख्याल रखना होगा क्योंकि उससे भी जोड़ों की सूजन पर असर पड़ता है। फ्रेंच फ्राइज़, पेस्ट्री और रेड मीट जैसे खाद्य पदार्थ कुछ ज्वलनशील खाद्य पदार्थ हैं जो आपके जोड़ों के दर्द को और खराब कर सकते हैं। इसलिए इन दैनिक आदतों पर काम करने के साथ-साथ अपनी जीवनशैली की भी जांच करनी चाहिए और उसी के अनुसार इसे बदलना चाहिए, जिससे यह आपके शरीर और दिमाग दोनों को लाभ पहुंचाएगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जोड़ों में दर्द और सूजन को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे ही लक्षण उत्पन्न होते हैं, बड़े मुद्दों के जोखिम को खत्म करने के लिए पूरी तरह से निदान के लिए अपने डॉक्टर से मिलना सुनिश्चित करें।
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